अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, एक ग्लॉक समेत 4 पिस्तौल बरामद
अमृतसर में काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियारों की तस्करी के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है। जिसमें दो आरोपियों आदित्य कपूर उर्फ माखन और रविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों के पास से कारतूस समेत चार हथियार बरामद हुए हैं. गिरफ्तारी तब हुई जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि दोनों एक बड़े आपराधिक नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और हथियारों की तस्करी में शामिल हैं।
डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रारंभिक जांच में मुख्य आरोपी आदित्य कपूर के खिलाफ पहले से ही 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि वह अमेरिका और पुर्तगाल स्थित अपराधियों के संपर्क में था और उनके निर्देश पर अवैध गतिविधियां कर रहा था।
अवैध हथियारों की तस्करी के नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए, काउंटर इंटेलिजेंस, #अमृतसर ने 2 व्यक्तियों आदित्य कपूर उर्फ माखन और रविंदर सिंह को पकड़ा।
शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी आदित्य कपूर पर 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह
आदित्य अमेरिका में रहने वाले बलविंदर सिंह उर्फ डॉनी बॉल और प्रभदीप सिंह उर्फ प्रभ दासूवाल और पुर्तगाल में रहने वाले मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू घनशियामपुरिया के संपर्क में था। मामले में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) की टीम ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
पिस्टल से 14 जिंदा कारतूस बरामद
गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 अत्याधुनिक हथियार बरामद किए, जिनमें से एक ग्लॉक पिस्टल है. इसके अलावा पांच मैगजीन और 14 जिंदा कारतूस भी जब्त किये गये हैं. ग्लॉक पिस्तौल एक उच्च गुणवत्ता वाली बन्दूक मानी जाती है, जिसका उपयोग आमतौर पर संगठित अपराधियों द्वारा किया जाता है।
यह गैंग जग्गू भगवानपुरिया ग्रुप का प्रतिद्वंद्वी है
काउंटर इंटेलिजेंस के मुताबिक ये सभी आरोपी पंजाब में पहले से सक्रिय जग्गू भगवानपुरिया गैंग के कट्टर विरोधी माने जाते हैं. यह आपराधिक नेटवर्क संगठित तस्करी और विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। यह गिरोह विदेशी अपराधियों के निर्देश पर हथियारों और अन्य अवैध सामानों की तस्करी करता था।
इस नेटवर्क में आदित्य कपूर की अहम भूमिका थी और वह मुख्य रूप से अमेरिका और पुर्तगाल में बैठे सरगनाओं के इशारे पर स्थानीय गतिविधियों का संचालन कर रहा था। इन तस्करी गतिविधियों का उद्देश्य पंजाब में आपराधिक गिरोहों की पहुंच बढ़ाना था।