छतबीड़ चिड़ियाघर में 1.33 करोड़ रुपये की लागत से बाड़ लगाने का काम पूरा: लाल चंद कटारूचक

छतबीड़ चिड़ियाघर में 1.33 करोड़ रुपये की लागत से बाड़ लगाने का काम पूरा: लाल चंद कटारूचक
– सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम जीरकपुर, 24 अप्रैल छतबीड़ चिड़ियाघर को एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की सौगात के तहत 1.33 करोड़ रुपये की लागत से बाड़ लगाने का काम पूरा हो गया है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी।
पंजाब के वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक ने आज छतबीड़ चिड़ियाघर में यह जानकारी दी।
इस अवसर पर कुछ अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इस चिड़ियाघर के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को समय-समय पर बढ़ाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है ताकि यहां के जीव-जंतुओं के उचित रखरखाव के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटक प्रकृति की विविधता का भी अनुभव कर सकें।
मंत्री ने आगे बताया कि छतबीड़ चिड़ियाघर में आने वाले दर्शकों, विशेषकर स्कूली और कॉलेज के बच्चों में वन्य जीवन के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से वर्ष 2024-25 के दौरान पक्षी अभिमुखीकरण केंद्र की पुरानी इमारत का नवीनीकरण करके वन्य जीव सिनेमा तैयार किया गया है। इस सिनेमाघर में दर्शकों को वन्यजीव फिल्में दिखाई जाएंगी तथा एक समय में 25 से 30 दर्शक इसमें बैठकर वन्यजीव फिल्म देख सकेंगे। यह सिनेमा मंत्री ने आगे बताया कि छतबीड़ चिड़ियाघर में आने वाले दर्शकों, विशेषकर स्कूली और कॉलेज के बच्चों में वन्य जीवन के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से वर्ष 2024-25 के दौरान पक्षी अभिमुखीकरण केंद्र की पुरानी इमारत का नवीनीकरण करके वन्य जीव सिनेमा तैयार किया गया है। इस सिनेमाघर में दर्शकों को वन्यजीव फिल्में दिखाई जाएंगी तथा एक समय में 25 से 30 दर्शक इसमें बैठकर वन्यजीव फिल्म देख सकेंगे। इस सिनेमा में वन्यजीवन पर आधारित फिल्मों के लिए कोई टिकट नहीं मिलेगा।
ग्रीष्म ऋतु में पेयजल सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2024-25 में दो पेयजल प्वाइंट (एक मुख्य प्रवेश द्वार के पास तथा दूसरा वॉक-इन-एवेरी के पास) का निर्माण किया गया है, ताकि आगामी ग्रीष्म ऋतु के दिनों में आगंतुकों को पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। इससे पहले छतबीड़ चिड़ियाघर में केवल तीन पेयजल केंद्र थे। दो नए पेयजल केंद्रों के निर्माण से पेयजल केंद्रों की संख्या पांच हो जाएगी।
इसके अलावा चिड़ियाघर में पुराने मगरमच्छ बाड़े को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के अनुसार आधुनिक बनाए जाने की आवश्यकता है। इसलिए वर्ष 2024-25 में मगरमच्छ पिंजरे का आधुनिकीकरण कर उसे लोगों को समर्पित किया जाना है। दर्शक इस पिंजरे में लगे कांच के माध्यम से मगरमच्छों को देख सकेंगे।