द्रविड़ की कार्यशैली ‘काफी अनुशासित’ थी, गंभीर उनकी तुलना में सहज हैं: अश्विन

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भारतीय टीम के सबसे उम्रदराज सदस्य रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि गौतम गंभीर अपने पूर्ववर्ती राहुल द्रविड़ की तुलना में अधिक सहज हैं, जिनकी कार्यशैली ‘बहुत अनुशासित’ थी। द्रविड़ नवंबर 2021 से भारतीय टीम के कोच थे। वह इस जुलाई में भारतीय टीम से अलग हुए। उनकी मौजूदगी में टीम ने टी20 विश्व कप का खिताब जीता। अश्विन ने गंभीर और उनके पूर्ववर्ती कोच के बीच अंतर की ओर इशारा करते हुए कहा कि गंभीर शांत प्रवृत्ति के हैं और उनका रवैया ड्रेसिंग रूम में जीवंत माहौल बनाए रखने में मदद करता है। अश्विन ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, मुझे लगता है कि वह (गंभीर) बहुत शांतचित्त हैं। मैं उसे ‘रिलैक्स्ड रैंचो (सहज और शांत)’ कहना चाहता हूं। उनकी मौजूदगी में कोई दबाव नहीं होता है। उन्होंने कहा,  सुबह में टीम की बैठक को लेकर भी वह काफी सहज रहते हैं। वह आपसे पूछते हैं कि क्या आप सुबह बैठक में आयेंगे, कृपया आइए।  अश्विन ने कहा कि गंभीर की तुलना में द्रविड़ का दृष्टिकोण अधिक सख्त और व्यवस्थित था। उन्होंने खुलासा किया,  राहुल भाई (द्रविड़) चीजों को काफी व्यवस्थित रखना चाहते थे।

वह चाहते थे कि किसी बोतल को भी एक विशेष समय पर एक विशेष स्थान पर रखा जाना चाहिए। वह इस मामले में बहुत ही अनुशासित थे। इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने कहा,  गंभीर से वह ऐसी चीजों की उम्मीद नहीं करते हैं। वह ज्यादा कड़ाई करना पसंद नहीं करते हैं। वह सब का ख्याल रखते है और मुझे लगता है कि टीम के सभी खिलाड़ी उन्हें पसंद करेंगे। अश्विन ने कार दुर्घटना की गंभीर चोट से उबर कर टेस्ट टीम में वापसी करने वाले भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत की भी तारीफ की। पंत ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में शतक लगाकर अपनी वापसी को यादगार बनाया। अश्विन ने महसूस किया कि इस युवा खिलाड़ी का जन्म क्रिकेट के लिए हुआ है और अक्सर उनकी क्षमताओं को कम करके आंका जाता है। अश्विन ने कहा, वह (पंत) बहुत अच्छा खेले। जब वह बल्लेबाजी कर रहा था तब मैंने रोहित से 10 बार कहा, वह बहुत अच्छा खेलता है लेकिन मुझे नहीं पता कि वह कैसे आउट हो जाता है। उन्होंने कहा, वह हर तरीके से क्रिकेट के लिए पैदा हुआ है और एक मजबूत व्यक्ति है।

जब वह गेंद पर प्रहार करता है तो गेंद काफी दूर तक जाती है। उसके पास एक हाथ से बड़े शॉट खेलने की क्षमता है। इससे पहले, संवाददाता सम्मेलन में सर्वंकर ने कहा कि मंदिर यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करता है कि प्रसाद स्वच्छ स्थान पर तैयार किया जाए। उन्होंने कहा, घी, काजू और अन्य सामग्री पहले जांच के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की प्रयोगशाला में भेजी जाती है और वहां से स्वीकृति के बाद इस्तेमाल की जाती है। उन्होंने बताया कि पानी की भी प्रयोगशाला में जांच करायी जाती है। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि हम यह सुनिश्चित करने पर पूरा ध्यान देते हैं कि श्रद्धालुओं को दिए जाने वाला प्रसाद शुद्ध हो। तिरुपति मंदिर में प्रसाद के तौर पर दिए जाने वाले लड्डू को लेकर जारी विवाद के बीच यह वीडियो आया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार ने तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।

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