चंडीगढ़: ट्राईसिटी में कैब चालकों की हड़ताल, नई पॉलिसी लागू करने की मांग तेज

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चंडीगढ़: ट्राईसिटी में मंगलवार को कैब सेवाएं लगभग ठप रहीं। चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के सैकड़ों कैब ड्राइवरों ने अपनी गाड़ियां खड़ी कर सेक्टर-17 ग्राउंड में धरना दिया। इस दौरान प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। कैब यूनियन ने साफ चेतावनी दी कि जब तक प्रशासन ठोस निर्णय नहीं लेता, तब तक विरोध जारी रहेगा। यूनियन अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने कहा कि प्रशासन ने 2026 के लिए नई पॉलिसी तैयार तो कर दी थी, लेकिन अब तक उसका क्रियान्वयन शुरू नहीं हुआ। ड्राइवरों का कहना है कि चार महीने पहले ₹15/किमी का किराया तय किया गया था, लेकिन मौजूदा खर्च, महंगाई, ईंधन दर और वाहन मेंटेनेंस को देखते हुए यह बेहद कम है। इतनी कम आय में वाहन की किश्त, सर्विसिंग और घर के खर्च निकालना संभव नहीं रहा।

ड्राइवरों ने यह बड़ा आरोप भी लगाया कि कई ऐप कंपनियां निजी सफेद प्लेट वाली कारों को भी प्लेटफॉर्म से जोड़कर गैरकानूनी रूप से कमर्शियल कैब की तरह चला रही हैं, जिससे वैध कमर्शियल कैब ऑपरेटरों की कमाई पर सीधा असर पड़ रहा है। यूनियन ने मांग की कि ऐसे वाहनों और कंपनियों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई हो। यूनियन नेताओं ने बताया कि नई एग्रीगेटर पॉलिसी में शहर में एग्रीगेटर कंपनियों के ऑफिस अनिवार्य, ड्राइवरों का हेल्थ व टर्म इंश्योरेंस अनिवार्य, निजी वाहनों को प्लेटफॉर्म पर रोक और ड्राइवर को 80 प्रतिशत किराया सुनिश्चित किया गया है। फिर भी न तो कंपनियां इसे लागू कर रही हैं और न ही प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई कर रहा है।

कैब यूनियन अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ में कैब, बाइक और ऑटो के किराये 7 जुलाई 2025 को प्रशासन द्वारा नोटिफाई किए गए थे, लेकिन कंपनियों ने न तो तय किराये लागू किए हैं और न ही नए एग्रीगेटर नियमों का पालन किया है। 14 अक्टूबर को प्रशासन ने रीजनल मैनेजरों को नोटिस भेजकर बैठक में बुलाया था, पर कंपनियों की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। यूनियन ने कहा कि लगातार अनदेखी के बाद अब संघर्ष फिर तेज करना पड़ रहा है और मांग है कि नियमों की अवहेलना करने वाली एग्रीगेटर कंपनियों के लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं।

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