पीयू में उग्र हुए छात्रों ने किया गेट सील, एफिडेविट और सीनेट भंग के खिलाफ प्रदर्शन तेज, पुलिस से हुई झड़प

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चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में सोमवार को विरोध कर रहे छात्रों ने पीयू प्रशासन पर सीधा वार करते हुए वीसी ऑफिस चौक से सेक्टर-15 सामने स्थित यूनिवर्सिटी गेट नंबर-2 तक मार्च निकाला। गेट पर पहुंचते ही छात्रों और पुलिस के बीच तीखी धक्का-मुक्की हुई। हालात ऐसे बने कि छात्रों ने गेट को तोड़कर बंद कर दिया। इससे यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर और बाहर दोनों ओर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। विरोध कर रहे छात्रों में पीयूसीएससी के जनरल सेक्रेटरी अभिषेक दागर, जो सोमवार को भूख हड़ताल के 6वें दिन थे, के साथ ही काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट अश्मीत सिंह, सेक्रेटरी मोहित मंडेराना व छात्र नेता जोबनप्रीत, सारा, परबजोत सिंह गिल और मनकीरत सिंह मान शामिल रहे। प्रदर्शनकारी छात्रों का विरोध विवादित एफिडेविट लागू करने और केंद्र सरकार द्वारा पीयू सीनेट भंग करने के फैसले को लेकर जारी है।

वीसी ऑफिस चौक पर नारेबाजी के दौरान छात्रों को सूचना मिली कि प्रशासन एफिडेविट वापस लेने को तैयार है, लेकिन शर्त यह रखी गई है कि पूर्व पीयूसीएससी वाइस प्रेसिडेंट आर्चित गर्ग, जिन्होंने इस एफिडेविट को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, वो अपनी याचिका वापस लें। इस पर छात्र नेता जोबनप्रीत ने कहा कि जब तक यूनिवर्सिटी लिखित में यह नहीं देती, भरोसा नहीं किया जाएगा। वहीं आर्चित गर्ग ने केस वापस लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद छात्रों ने स्पष्ट किया कि एफिडेविट मामले पर लड़ाई लिखित आश्वासन मिलने तक जारी रहेगी, जबकि सोमवार का मार्च और गेट सीलिंग सीनेट भंग के खिलाफ है। इसके बाद छात्रों का काफिला गेट नंबर-2 की ओर बढ़ा और वहां पुलिस-सिक्योरिटी को हटाते हुए गेट तोड़कर वहीं धरना देकर बैठ गए।

नेताओं का छात्रों को समर्थन जारी, दीपेंद्र हुड्डा ने वीसी से की मुलाकात 

रविवार की तरह सोमवार को भी नेताओं का समर्थन छात्रों को मिला। जहां रविवार को सांसद मनीष तिवारी और मानविंदर सिंह कंग धरना स्थल पहुंचे थे, वहीं सोमवार को रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और फरीदकोट से शिरोमणि अकाली दल (वारिस पंजाब दे) सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने पीयू में आकर छात्रों के आंदोलन को समर्थन दिया। इसके अलावा पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी यूनिवर्सिटी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

दीपेंद्र हुड्डा ने बताया कि उन्होंने मामले पर वाइस चांसलर रेनू विग से मुलाकात की है। वीसी ने उन्हें भरोसा दिया है कि छात्रों के मुद्दों पर उनसे ही संवाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर ने छात्रों से बातचीत करने के बाद लीगल ओपिनियन लेकर सकारात्मक हल निकालने का आश्वासन दिया।  हुड्डा ने यह भी कहा कि यदि मुद्दा लंबा खिंचता है तो वह इसे दिल्ली तक लेकर जाएंगे और संसद के विंटर सेशन में उठाएंगे। वहीं सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने भी छात्रों के पक्ष में खड़े होते हुए कहा कि छात्रों की आवाज को दबाना गलत है और इसका सख्त विरोध होना चाहिए।

प्रेसिडेंट गौरव ने तोड़ी चुप्पी, एफिडेविट की पूर्ण वापसी और डीएसडब्ल्यू के इस्तीफे की रखी मांग 

पीयूसीएससी प्रेसिडेंट व एबीवीपी नेता गौरव वीर सोहल, जो अब तक इस पूरे विवाद और प्रदर्शन से दूरी बनाए हुए दिखाई दे रहे थे, सोमवार को सामने आए और साफ कहा कि वह और पूरी काउंसिल एफिडेविट की पूरी तरह वापसी की मांग पर एकमत हैं। सोमवार सुबह प्रेसिडेंट गौरव वीर सोहल, वाइस प्रेसिडेंट अश्मीत सिंह और सेक्रेटरी मोहित मंडेराना ने बताया कि हंगर स्ट्राइक को लेकर उन्होंने प्रशासन और चंडीगढ़ पुलिस अधिकारियों से बैठक की, जहां प्रशासन ने एफिडेविट को पूरी तरह वापस लेने से इनकार करते हुए उसमें कुछ बदलाव करने या एक वर्ष के लिए होल्ड पर डालने का विकल्प दिया।

काउंसिल ने इस प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि वे तभी धरने से उठेंगे जब एफिडेविट पूरा ही रद्द किया जाएगा। गौरव वीर सोहल ने यह भी कहा कि उनकी एक और मांग है—पीयू डीएसडब्ल्यू अमित चौहान को पद से हटाया जाए। सोहल का आरोप है कि जितने भी मुद्दे पिछले समय में भड़के हैं, उनकी जड़ डीएसडब्ल्यू ही हैं—चाहे वह आदित्य ठाकुर मर्डर केस रहा हो या मौजूदा एफिडेविट व सीनेट विवाद। उन्होंने डीएसडब्ल्यू को इस पूरे हालात का मास्टरमाइंड करार दिया।

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