ADGP Suicide: शोक जताने पहुंचे सीएम नायब सैनी से आईएएस अमनीत पी कुमार ने की चार मांग, मिला आश्वासन

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सीएम नायब सैनी वीरवार को सेक्टर 24 स्थित आईएएस अमनीत पी कुमार के आवास पर पहुंचे और उनके पति आईपीएस वाई पूरन कुमार के निधन पर शोक जताया। सैनी करीब 45 मिनट रूके और फिर बिना कुछ कहे रवाना हो गए। सीएम के साथ वरिष्ठ आईएएस राजेश खुल्लर भी थे।

जानकारी के अनुसार, सीआईडी चीफ एडीजीपी साैरभ सिंह ने एयरपोर्ट पर सीएम को पूरे मामले के बारे में ब्रीफ किया है। सूत्रों के अनुसार, डीजीपी शत्रुजीत कपूर भी इस दाैरान माैजूद रहे।

इससे पहले वहीं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार और आईएएस अधिकारी विजय दहिया अमनीत पी कुमार के आवास पर पहुंचे हैं।
वहीं वाई पूरण कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में उनकी पत्नी और हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री को एक भावनात्मक और तीखा पत्र लिखकर डीजीपी और अन्य शीर्ष अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने मांग की है कि आत्महत्या नोट में नामित सभी आरोपियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित और गिरफ्तार किया जाए, ताकि जांच निष्पक्ष हो सके।

अमनीत ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके पति वाई. पूरण कुमार एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और सम्मानित अधिकारी थे, जिन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था। वे अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले एक प्रेरणास्रोत अधिकारी थे, जिन्होंने समाज के कमजोर वर्गों में न्याय और समानता की भावना जगाई।

पत्र में कहा गया है कि कि आत्महत्या नोट में साफ-साफ उन अफसरों के नाम दर्ज हैं जिन्होंने मेरे पति को लगातार मानसिक प्रताड़ना, अपमान और उत्पीड़न झेलने को मजबूर किया। यह नोट उनके डाइंग डिक्लेरेशन (अंतिम बयान) के रूप में है और इसे कानूनी सबूत माना जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के 48 घंटे बीत जाने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है, जबकि शिकायत और सुसाइड नोट दोनों में संज्ञेय अपराध का स्पष्ट उल्लेख है। उन्होंने लिखा कि आरोपियों के प्रभाव के चलते पुलिस कार्रवाई से बच रही है।

  • आत्महत्या नोट और शिकायत में नामित सभी आरोपियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए।
  • आरोपियों को फौरन निलंबित और गिरफ्तार किया जाए, ताकि वे सबूतों से छेड़छाड़ या दबाव न बना सकें।
  • दिवंगत अधिकारी के परिवार को आजीवन सुरक्षा दी जाए, खासकर उनकी दो बेटियों को।
  • परिवार को किसी तरह की प्रताड़ना या बदनाम करने के प्रयासों से बचाया जाए।

पत्र में अमनीत ने लिखा कि यह सिर्फ एक अधिकारी की मौत का मामला नहीं है, बल्कि न्याय और समानता में विश्वास की परीक्षा है। यदि इतने ईमानदार अधिकारी को भी न्याय नहीं मिल सका, तो यह समाज के लिए बड़ा सवाल है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करें, ताकि न्याय न केवल मिले बल्कि होते हुए दिखे। इस पूरे मामले ने हरियाणा पुलिस के शीर्ष स्तर पर हलचल मचा दी है। अनुसूचित जाति समुदाय के कई संगठनों ने भी इस प्रकरण की न्यायिक जांच और डीजीपी पर कार्रवाई की मांग उठाई है।

वहीं सूत्रों के हवाले से सामने आ रहा है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी अगले एक दो दिन में आईपीएस वाई पूरण कुमार के परिवार से मुलाकात करने आ सकते हैं।
वहीं वाई पूरण कुमार के पोस्टमार्टम पर संशय बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी रोहतक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर अड़ी हुईं हैं। इसके बाद ही वे पोस्टमार्टम प्रक्रिया शुरू करने की सहमति देंगी।

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