पंचकूला में अवैध निर्माण और अनधिकृत कॉलोनियों पर होगी कार्रवाई, उपायुक्त ने टास्क फोर्स को दिया निर्देश – ACTION AGAINST ILLEGAL CONSTRUCTION

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हरियाणा के पंचकूला जिला में अब अवैध अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही अनधिकृत कॉलोनियों पर भी कार्रवाई की जाएगी. बीते कई दिनों से जिला प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण और गैरकानूनी कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऐसे मामलों पर पंचकूला की उपायुक्त मोनिका गुप्ता अधिक गंभीर हैं. उन्होंने अवैध अतिक्रमण को रोकने और अनाधिकृत कॉलोनियों के लिए गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स को समूचे जिले में अवैध निर्माण पर पूर्ण अंकुश लगाने के दिशा-निर्देश दिए हैं. इसके अलावा संबंधित विभागों को एक बार अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा अतिक्रमण न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं.

पंचकूला की डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन्हें अवैध निर्माण होने से पहले की उस बारे सूचना मिलनी चाहिए, ताकि अवैध निर्माण को समय रहते रोका जा सके. उन्होंने नगर निगम को भी बाउंड्री वाल दुरुस्त करने के निर्देश दिए. साथ ही टीसीपी के अधिकारियों से नियम और कानून सबके लिए बराबर होने की बात कही. उन्होंने कहा कि भेदभाव की गुंजाइश नहीं है. इसके अलावा कहा कि कृषि भूमि पर एनओसी देने के बाद ये सुनिश्चित करें कि जमीन पर खरीददार द्वारा खेती बाड़ी ही की जा रही हो. डीसी ने जिला राजस्व अधिकारी को जिला नगर योजनाकार को रजिस्ट्री होने के बाद सेल डीड बारे भी जानकारी देने के निर्देश दिए.

जिला उपायुक्त ने एक बैठक में लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें), नगर निगम पंचकूला और नगर परिषद कालका को पेरीफेरी नियंत्रण अधिनियम एवं पंजाब अनुसूचित सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध अधिनियम 1963 के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध निर्माण के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा नियमित रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. उपायुक्त ने कहा कि पुलिस विभाग के संबंधित अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में पैनी नजर रखें और सुनिश्चित करें कि जहां अवैध ढांचे या कॉलोनियों को गिराया गया है, वहां बिना पूर्व अनुमति के दोबारा किसी प्रकार का निर्माण न हो, ताकि अवैध निर्माण पर अंकुश लगाया जा सके.

उपायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़के) के कार्यकारी अभियंताओं को नियंत्रित क्षेत्रों के बाहर शैड्यूल रोडस के साथ-साथ 30 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. उन्होंने पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में किसी प्रकार की देरी न हो. उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला नगर योजनाकार कार्यालय और पुलिस विभाग आपसी तालमेल से काम करें, ताकि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके.

उपायुक्त ने पूर्व में की गई बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के साथ साथ जिला नगर योजनाकार कार्यालय द्वारा जनवरी से मार्च 2024 तक जिले में अवैध अतिक्रमण और अनाधिकृत कॉलोनियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा. जिला नगर योजनाकार संजय नारंग ने उपायुक्त को बताया कि जनवरी से मार्च 2024 तक छह अवैध कॉलोनियों की पहचान की गई. इनमें से एक कॉलोनी को ध्वस्त किया और पांच कॉलोनियों के मामले में पुलिस विभाग को एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत भेजी गई है. इसके अलावा फरवरी और मार्च 2024 में उल्लंघना करने वाले सात मामलों में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत पुलिस विभाग को भेजी है. इसी प्रकार फरवरी और मार्च 2024 में कुल 14 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए और सभी मामलों में उल्लंघना करने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं.

उपायुक्त ने कहा कि अवैध कॉलोनियों और निर्माण के विरूद्ध कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहेगी. उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे अवैध कॉलोनियों में किसी भी प्रकार के प्लॉट ना खरीदें.बैठक में एसडीएम पंचकूला चंद्रकांत कटारिया, नगर निगम संयुक्त आयुक्त सिमरनजीत, जिला नगर योजनाकार संजय नारग, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) पंचकूला के कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़कें) कालका के कार्यकारी अभियंता, यूएचबीएन बरवाला के एसडीओ, नगर परिषद कालका के एमई, नगर निगम पंचकूला के जोनल टेक्सेशन अधिकारी, जेई समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.

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