पंजाब राजभवन में दिखी राजस्थान और ओडिशा की संस्कृति की झलक, दोनों राज्यों का मनाया गया स्थापना दिवस

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चंडीगढ़ : पंजाब राजभवन में  राजस्थान के स्थापना दिवस के साथ-साथ ओडिशा के स्थापना दिवस को मनाने के लिए एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर सम्मानित गणमान्य व्यक्ति, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रेरक संदेश एक साथ आए, जिसमें भारत के इतिहास, संस्कृति और एकता के समृद्ध इतिहास में दोनों राज्यों के महत्व को दर्शाया गया। समारोह की शुरुआत राजस्थान की स्थापना के बाद से अब तक की उल्लेखनीय यात्रा की प्रस्तुति के साथ हुई। एक वृत्तचित्र फिल्म दिखाई गई, जिसमें दोनों राज्यों के ऐतिहासिक मील के पत्थर, सांस्कृतिक समृद्धि और भारत की प्रगति में योगदान को दर्शाया गया। कार्यक्रम के दौरान ओडिशा के राज्यपाल का एक वीडियो संदेश भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विविधता और विकास में राज्य के योगदान पर जोर दिया गया। इस वृत्तचित्र में न केवल ओडिशा के ऐतिहासिक मील के पत्थर पर प्रकाश डाला गया, बल्कि एक ऐसे राज्य के रूप में इसकी यात्रा को भी दर्शाया गया, जो परंपरा और प्रगति का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है।

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक  गुलाब चंद कटारिया ने राजस्थान की शानदार विरासत पर गर्व व्यक्त किया, जो चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़ और मेहरानगढ़ जैसे राजसी किलों के साथ-साथ घूमर नृत्य और उत्कृष्ट हस्तशिल्प जैसी जीवंत लोक परंपराओं से पहचानी जाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे ये तत्व भारत की विरासत के प्रतीक के रूप में राजस्थान की पहचान में योगदान करते हैं। अपने संबोधन में  कटारिया ने महाराणा प्रताप और रानी पद्मिनी जैसी महान हस्तियों द्वारा किए गए बलिदानों पर विचार किया, जिनकी कहानियाँ पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राजस्थान न केवल ऐतिहासिक भव्यता से भरपूर भूमि है, बल्कि पर्यटन और विकास का आधुनिक केंद्र भी है।  प्रशासक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की सराहना की, जो पूरे भारत में विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस मनाने में महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैसे यह कार्यक्रम अंतर-राज्यीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर और साझा विरासत को मजबूत करके राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देता है।  राजस्थान और ओडिशा दोनों ही अपनी अनूठी परंपराओं और राष्ट्र के लिए योगदान के माध्यम से भारत की विविधता में एकता का उदाहरण हैं।

पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने ओडिशा के शास्त्रीय नृत्य ओडिसी, रथ यात्रा जैसे जीवंत त्योहारों और पट्टचित्रा पेंटिंग जैसे उत्कृष्ट हस्तशिल्प को स्वीकार किया जो राज्य की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। इस कार्यक्रम को आकर्षक सांस्कृतिक प्रदर्शनों से और समृद्ध किया गया, जिसमें ओडिशा के ओडिसी नृत्य के साथ-साथ राजस्थान के लोक नृत्य जैसे घूमर का प्रदर्शन किया गया। इस समारोह में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने इस अवसर को गरिमा प्रदान की। इनमें चंडीगढ़ के सांसद  मनीष तिवारी, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू, चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला, पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़; चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा; पंजाब के मुख्य सचिव  केएपी सिन्हा; राज्यपाल के प्रमुख सचिव  विवेक प्रताप सिंह, चंडीगढ़ के डीजीपी  सुरेंद्र सिंह यादव; चंडीगढ़ के गृह सचिव  मंदीप सिंह बराड़, चंडीगढ़ के वित्त सचिव  दीप्रवा लाकड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।

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