जिंदगी के आखिरी सफर तक हमारी पहचान एक भारतीय के तौर पर होनी चाहिए: CM योगी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम योगी ने आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें याद करते हुए कहा कि “जन्म से लेकर जिंदगी के आखिरी सफर तक हमारी पहचान एक भारतीय के तौर पर होनी चाहिए”। उत्तर प्रदेश होमगार्ड के 63वें स्थापना दिवस पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि आज बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ है और यह एक ऐसा दिन है जो प्रेरणा देता है

सीएम योगी ने कहा, “बाबासाहेब आंबेडकर ने हर भारतीय को प्रेरित किया है। वह कहते थे कि हमारी पहचान मेरे परिवार, मेरी जाति, मेरे क्षेत्र और मेरी भाषा से नहीं है। बल्कि हर भारतीय के मन में यह भावना होनी चाहिए कि जन्म से लेकर जिंदगी के आखिरी सफर तक हमारी पहचान एक भारतीय के तौर पर होनी चाहिए।”

बता दें कि संविधान के प्रमुख शिल्पकारों में से एक आंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी थे। आज ही के दिन 1956 में उनका निधन हो गया था। आंबेडकर ने जीवन भर समाज में फैली असमानता, छुआछूत, जातिवाद, ऊंच-नीच और भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाइयां लड़ीं। बाबा साहब के धर्म की बात की जाए तो उनका ताल्लुक हिंदू धर्म से था, लेकिन बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले ही डॉ. आंबेडकर ने 3.65 लाख समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था।

डॉ. आंबेडकर ने दलितों, वंचितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उन्हें सामाजिक न्याय दिलाने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण काम किए इसलिए दलित समाज के लोग आज भी उन्हें ‘बाबा साहेब’ कहकर श्रद्धा से याद करते हैं। दलित समाज के लोग उन्हें अपना मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और गुरु मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डॉ. भीमराव आंबेडकर खुद किसे अपना गुरु मानते थे? इसके बारे में उन्होंने अपनी आत्मकथा “मेरी आत्मकथा, मेरी कहानी, मेरी जुबानी” में जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि उनके पहले गुरु गौतम बुद्ध, दूसरे गुरु संत कबीर और तीसरे गुरु महात्मा ज्योतिबा फुले हैं।

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