क्या करगिल की तरह पहलगाम हमले को लेकर स्वतंत्र आकलन कराएगी सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस ने करगिल युद्ध के बाद बनी एक समीक्षा समिति का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि क्या नरेन्द्र मोदी सरकार इसी तरह पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी स्वतंत्र और व्यापक विश्लेषण एवं आकलन कराएगी ? वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के तत्काल बाद करगिल समीक्षा समिति का गठन हुआ था। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद सुरक्षा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सुधार तथा संस्थागत परिवर्तन किए गए थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “करगिल युद्ध समाप्त होने के ठीक तीन दिन बाद तब की वाजपेयी सरकार ने 29 जुलाई 1999 को करगिल समीक्षा समिति गठित की थी। इसकी रिपोर्ट 23 फरवरी, 2000 को संसद में प्रस्तुत की गई थी। हालांकि इसके कुछ हिस्सों को अब भी गोपनीय रखा गया है और ऐसा होना भी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इस समिति के अध्यक्ष भारत के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम थे, जिनके पुत्र एस जयशंकर वर्तमान में भारत के विदेश मंत्री हैं। रमेश ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार अब पहलगाम हमले को लेकर एनआईए की जांच के बावजूद इसी तरह का एक स्वतंत्र और व्यापक विश्लेषण एवं आकलन कराएगी? उन्होंने सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग फिर दोहराई। कांग्रेस नेता ने कहा कि वाशिंगटन डीसी से आए बयानों के बाद यह मांग अब और भी अधिक जरूरी और तात्कालिक हो गई है। बीते 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया और पाकिस्तान तथा उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। ‘‘ऑपरेशन सिंदूर’’ फिलहाल रुका हुआ है, समाप्त नहीं हुआ है।