अनिल विज ने बदला मनोहर लाल का फैसला, परिवहन विभाग से पुलिसकर्मियों की छुट्टी

पुलिस अधिकारियों व जवानों की दूसरे विभागों में पोस्टिंग के शुरू से ही खिलाफ रहे परिवहन मंत्री अनिल विज ने अपने परिवहन विभाग को पुलिस मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। कांस्टेबल से लेकर डीएसपी रैंक तक के अधिकारी परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगे हुए थे।
प्रदेश में कई रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) में पुलिस जवानों व अधिकारियों की नियुक्ति से नाराज अनिल विज के आदेशों के बाद परिवहन आयुक्त सीजी रजनीकांथन ने पत्र जारी कर सभी को मूल कैडर में जाने के आदेश दे दिए हैं।
विज का मानना हे कि पुलिस और सिविल की ड्यूटी अलग-अलग है। पुलिस के जवान और अधिकारी कानून व्यवस्था संभालने के लिए हैं। सिविल विभागों के कामकाज के लिए दूसरे अधिकारी व कर्मचारी हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि पुलिस जवानों की ट्रेनिंग कानून एवं व्यवस्था कंट्रोल करने के लिहाज से ही की जाती है।
एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क की जगह सरकार वरिष्ठ आइएएस डॉ. अशोक खेमका को परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव लगा चुकी है। विज की आपत्ति के बाद ही सरकार ने आइपीएस अधिकारी विर्क को विज के विभाग से हटाया था। हालांकि नवदीप सिंह विर्क के पास खेल विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी है।