किसान आंदोलन पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार को घेरा, जगजीत सिंह डल्लेवाल से बात कर समाधान निकालने की मांग

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन पर भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है. सोमवार को रोहतक स्थित अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत चिंता जनक बनी हुई है. वे मरने की कगार पर हैं. उनका जीवन सभी के लिए अनमोल है. वे किसी निजी स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि किसानों की उचित मांगों के लिए अनशन कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनसे बातचीत कर इसका समाधान निकाले.
राज्य सराकार काम नहीं कर्ज बढ़ा रही हैः मौजूदा हरियाणा सरकार पर पर कटाक्ष करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने का काम कर रही है और कोई भी नया काम प्रदेश में नहीं किया जा रहा.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के अलावा कोई भी पार्टी किसानों के हित में नहीं सोचती, वो सिर्फ किसानों के नाम पर कोरी सियासत करती है. आज केंद्रीय कृषि मंत्री, आम आदमी पार्टी सरकार को पत्र लिख रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी खुद राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों को वो लाभ नहीं देती, जो कांग्रेस कार्यकाल में हरियाणा के किसानों को मिला था.
किसानों को देश में सबसे सस्ती बिजली कांग्रेस की देनः कांग्रेस सरकार ने हरियाणा के किसानों को देश में सबसे सस्ती यानी 10 पैसे प्रति यूनिट के रेट पर बिजली दी थी. लेकिन बीजेपी शासित किसी भी राज्य में ऐसी रियायती दरें लागू नहीं है. इस दौरान नारनौंद से विधायक जस्सी पेटवाड़, विधायक आदमपुर चंद्र प्रकाश जांगडा, उकलाना से विधायक नरेश सेलवाल, तेलु राम जांगडा, छत्तपाल सोनी, सौरभ शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता लोग मौजूद थे.
बीजेपी ने किसानों की आय डबल नहीं लागत कई गुना बढ़ायाः पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पेटवाड़ जाते समय बांडाहेडी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की मांग पूरी तरह जायज और कई साल पुरानी है. खुद बीजेपी ने एमएसपी का वादा करके किसान आंदोलन को खत्म करवाया था. किसान सरकार को वही वादा याद दिला रहे हैं. कांग्रेस शुरू से ही किसानों को स्वामीनाथन फार्मूले के तहत एमएसपी देने की पक्षधर रही है. बीजेपी ने भी स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके किसानों की आय डबल करने का वादा किया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद वो अपने वादे को भूल गई और किसानों की आय डबल करने की बजाए उसकी लागत को कई गुना बढ़ा दिया.