रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एमपी/एमएलए रोस्टर में होगी सुनवाई

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रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एमपी/एमएलए रोस्टर में होगी सुनवाई

-हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करने के चलते अधिवक्ता अभिनय शर्मा ने भेजा नोटिस आफ कंटेप्ट
-रणदीप सिंह सुरजेवाला और अन्य को बचाने का प्रयास किया -अभिनय शर्मा

-एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा स्टेटस रिपोर्ट के बावजूद भी दर्ज नहीं की एफआईआर
-स्टेटस रिपोर्ट के प्वाइंट नंबर 4 आरोपी सूची में ईश्वर सिंह नैन, रणदीप सिंह सुरजेवाला और अन्य का नाम शामिल

चंडीगढ़ 13 सितंबर। बिजली टेंडर घोटाले में आरोपी हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एमपी/एमएलए रोस्टर में सुनवाई होगी। न्यायाधीश संजीव बेरी ने निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के विद्वान अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि यह याचिका राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए आधिकारिक प्रतिवादियों को निर्देश देने की मांग करते हुए दायर की गई है, जिसमें उल्लेखित अभियुक्तों में से एक वर्तमान सांसद है। इस तथ्य के मद्देनजर, चूंकि यह मामला सांसद से संबंधित है, इसलिए इस मामले को एमपी/एमएलए रोस्टर में सूचीबद्ध किया जाए।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिनय शर्मा ने हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, विशेष सचिव डा. प्रियंका सोनी, एंटी करप्शन ब्यूरो हरियाणा के एडीजीपी श्री अमिताभ सिंह ढिल्लों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोट के आदेशों की पालना ना करने के चलते नोटिस आफ कंटेंप्ट भेजा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला और अन्य को भारतीय जनता पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा बचाने की कोशिश की गई है। उनके खिलाफ पुख्ता सबूत होने के बावजूद भी मुख्य सचिव हरियाणा सरकार हरियाणा सरकार द्वारा जांच रिपोर्ट को पिछले 9 महीने से दबा रखा है और एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा केस दर्ज नहीं किया गया। अजय संधू के अधिवक्ता अभिनय शर्मा ने इस मामले में जांच पूरी होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो के जांच अधिकारी ने स्टेटस रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जमा करवाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई के लिए 21 नवंबर 2023 को जांच रिपोर्ट एक पत्र के माध्यम से महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को भेज दी थी। स्टेटस रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा था कि जांच में जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों/व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अजय संधू ने बताया कि स्टेटस रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने आरोपियों के नाम में ईश्वर सिंह नैन, रणदीप सिंह सूरजेवाला एवं अन्य को शामिल किया है, लेकिन इसके बावजूद भी 9 महीने बीत जाने के बावजूद भी फाइल को मुख्य सचिव के ऑफिस में दबा रखा है,जोकि स्पष्ट करता है कि भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई है। अजय संधू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं और वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सहित अधिकारियों के संज्ञान में आने के बावजूद कई करोड़ रुपए के टेंडर घोटाले में एवं अन्य वारदातों में शामिल रणदीप सिंह सुरजेवाला एवं अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। इस मामले में याचिकाकर्ता कई बार मुख्यमंत्री से मिले हैं, लेकिन जानबूझकर आरोपियों को बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी मुलाकात करने के लिए प्रयास करेंगे।


एंटी करप्शन ब्यूरो के जांच अधिकारी द्वारा इस शिकायत के निचले प्वाइंट पर सिलसिलेवार जांच की गई है, जिसमें ईश्वर सिंह नैन द्वारा तत्कालीन बिजली मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला से उसकी व्यक्तिगत पहुंच के आधार पर शिकायतकर्ता अजय संधू की मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस जो मैनपावर सप्लाई का काम करती थी, में शिकायतकर्ता को रणदीप सिंह सुरजेवाला, बिजली मंत्री के विभाग में एलम/एस.ए.एस. के लिए मैन पावर सप्लाई करवाने का बड़ा काम दिलवाने के नाम पर गुमराह करके शिकायकर्ता की उपरोक्त फर्म में दिनांक 5 जुलाई 2008 को लिखित में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी प्राप्त करना था। ईश्वर सिंह नैन ने रणदीप सिंह सुरजेवाला से बात करके उनकी फर्म “मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में ऐलम/एस.ए.एस. के लिये मैन पावर सप्लाई करवाने बारे निकले टैण्डर में अप्लाई करवाकर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम भिवानी में कार्यरत एस.ई. राजपाल व अन्य अधिकारीयों की मदद से ऐलम/एस.ए.एस. के लिये मैन पावर सप्लाई करवाने का टैण्डर Work order No. 116/Bid No. 18/BVVN/200-2009 dated 11.12.2008′ प्राप्त किया। जबकि यह फर्म विभाग द्वारा जारी किये गये टैण्डर की शर्त नंबर 2 व 3 को पूरा नहीं करती थी। एस ई राजपाल सिंह व अन्य अधिकारीयों ने ईश्वर सिंह नैन व तत्कालीन बिजली मंत्री रणदीप सुरजेवाला की पहुँच से इस फर्म को जो विभाग की टैक्नीकल बिड को भी पूरा नही करने के बावजुद यह टैण्डर दिलवाया।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि रणदीप सिंह सुरजेवाला तत्कालीन बिजली मंत्री ने अपने व्यक्तिगत फायदे के लिये अपने मंत्री पद का दुरूप्योग करके दिनांक 28 नवंबर 2008 को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एस.ई. श्री राजपाल को फोन करके दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा ऐएल/एस.ए.एस के लिये मैन पावर उपलब्ध करवाने के लिये निकाले गये टैण्डर में “मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस” जो टैण्डर की शर्तों को पूरा ही नहीं करती थी को अवैध तरीके से यह टैण्डर दिलवाया था। रणदीप सिंह सुरजेवाला तत्कालीन बिजली मंत्री ने अपने व्यक्तिगत फायदे के लिये अपने मंत्री पद का दुरूप्योग करके मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस” को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम गुडगाँव में टैण्डर No.GC-33/2008- 09/GGN dated 27.11.2008 व DHBVN OP/Circle नारनौल के एस.ई पी.सी. गुप्ता, OP/Circle Faridabad के एस.ई सचदेवा से इस फर्म को ऐलम/एस.ए.एस. के टैण्डर दिलवाना जबकि यह फर्म विभाग की शर्तों को पूरा नहीं करती थी।

इसके अलावा रणदीप सिंह सुरजेवाला तत्कालीन बिजली मंत्री, श्री ईश्वर सिंह नैन, श्री अनिल कुमार नैन ने आपसी सांठ गाठ करके शिकायतकर्ता व श्री ईश्वर सिह नैन की उपरोक्त “मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस फर्म के माध्यम से दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम भिवानी व नारनौल में ऐएल/एस.ए.एस के लिये विभिन्न टैण्डरों के तहत लगे हुये कर्मचारियों से सिक्योरिटी के नाम पर 3000 से 15000 रूपये प्रति व्यक्ति से बतौर रिश्वत लेना। जिसमें उक्त के द्वारा इन टैण्डरों अनुसार लगे कुल 490 लडकों से लगभग 34 लाख रूपये लेना। जिसमें शिकायतकर्ता के सामने 18 लाख रूपये श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला व 10 लाख रूपये ईश्वर मैन व बकाया 6 लाख रूपये अनिल नैन द्वारा अपने पास रखा “मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस फर्म के माध्यम से DHBVN SE/OP/Circle Faridabad & Gurgaon में लगे हुये कर्मचारियों के लिये विभाग से हुये अनुबन्ध पर फर्म की और से रोहताश सिंह वासी गांव डहोला जिला जीन्द ने हस्ताक्षर किये थे व इस व्यक्ति ने श्री ईश्वर सिंह नैन से साठगांठ करके इन विविजनों में ऐएल/एस.ए.एस के लिये लगे हुये लगभग 223 लडकों से सिक्योरिटी के नाम पर प्रत्येक से 3000 से 20,000 रू एक रिश्वत लेकर लगभग 35 लाख रुपये इक्टठे करना।

जिसमें से 20 लाख रूपये रणदीप सिंह सुरजेवाला व 8 लाख रूपये ईश्वर मैन व बकाया 7 लाख रूपये रोहताश सिंह ढिल्लो पुत्र रणजीत सिंह वासी गांव ढहोला जिला जीन्द द्वारा अपने पास रखना। इसी प्रकार दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में मैसर्ज सम्बु सिक्योरिटी सर्विस फर्म के माध्यम से लगे हुये कर्मचारियों से सिक्योरिटी के नाम पर अनिल कुमार नैन, रोहताश ढिल्लो व राजपाल शर्मा द्वारा 604 कर्मचारियों से 3000/रू से लेकर 20,000/रू तक लगभग 61 लाख रूपये ईक्टठे करना जिसमें से 35 लाख रूपये , रणदीप सुरजेवाला, 10 लाख रूप्ये ईश्वर सिंह नैन तथा बकाया रकम अनिल कुमार नैन, रोहताश ढिल्लो व राजपाल शर्मा द्वारा आपस में बांट लिए।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम भिवानी, नारनौल , गुरुग्राम में “मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस फर्म के माध्यम से लगे हुये कर्मचारियों के लगभग 1,39,66,371 रूपए का घोटाला किया तथा उक्त कर्मचारियों से नौकरी दिलवाने के नाम पर लगभग 1,30,00,000 रूपए की रिश्वत ली । ईश्वर सिंह नैन व दर्शन सिंह शयोकन्द द्वारा शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी देकर को झूठे शपथ पत्र पर जबरस्ती उसके हस्ताक्षर करवाना तथा इसी झूठे शपथ पत्र के आधार पर ईश्वर सिंह नैन ने अपनी राजनितिक पहुँच के आधार पर इस शपथ पत्र को ई.पी.एफ. आफिस रोहतक में दिए।

अजय संधू ने आरोप लगाया कि उन्हें शक है कि रणदीप सिंह सुरजेवाला , ईश्वर सिंह नैन और अन्य आरोपी उन्हें जान से भी मरवा सकते हैं या किसी झूठे केस में फंसवा सकते हैं। उसे कई बार धमकियां भी दे चुके हैं।

अभिनय शर्मा, अधिवक्ता, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट

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