सीएम मान की आज आनंदपुर साहिब और अमृतसर के नेताओं के साथ बैठक, जीत की रणनीति

लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद मैदान में उतर गए हैं। वह लगातार तीन दिनों से लोकसभा क्षेत्रवार पार्टी के विधायकों, प्रत्याशियों और मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बीच वह हलकों से फीडबैक ले रहे हैं. इसके साथ ही वे नेताओं को चुनावी नाव पर सवार होने के गुर भी सिखा रहे हैं.
इसी कड़ी के तहत आज मुख्यमंत्री आनंदपुर साहिब और अमृतसर के किले को फतह करने की रणनीति बनाएंगे. बैठकों का दौर सुबह 11:30 बजे शुरू होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर कब्जा कर लिया था. इसके साथ ही इस बार आप ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग और अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को श्री आनंदपुर साहिब से उम्मीदवार बनाया है.
सीएम खुद मोर्चा संभाले हुए हैं
इस चुनाव में सीएम भगवंत मान को पार्टी हाईकमान ने फ्री हैंड दे दिया है. उम्मीदवार तय करने से लेकर बाकी सारी जिम्मेदारियां वे खुद ही संभाल रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने खुद राज्य में 13-0 का नारा भी दिया है. हालांकि, जालंधर के सांसद सुशील कुमार रिंकू और विधायक शीतल अंगुराल के दलबदल से उनकी योजना को झटका जरूर लगा है। सरकार विकास का दावा करती है.
हालांकि, पार्टी छोड़ते वक्त रिंकू ने सीधे तौर पर विधानसभा क्षेत्र का विकास न होने का मुद्दा उठाया था. भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं हल्का वार बैठकों का दौर चलाया। बैठक की खास बात यह है कि हर नेता को अपनी बात रखने का मौका दिया जा रहा है. साथ ही अगर कोई अच्छा आइडिया मिला तो उस पर भी रणनीति बनाई जा रही है. इसके साथ ही इस बैठक में सभी नेताओं की भूमिका और जिम्मेदारियां भी तय की जा रही हैं.
सरकार ने जनवरी में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. इस बीच सरकार चुनावी मोड में थी. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान ने हर विधानसभा क्षेत्र में विकास रैलियां शुरू की थीं. इस मौके पर करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की शुरुआत की गई. फोकस शहरी इलाकों पर था. इसके अलावा कमर्शियल और एन.आर.आई. बैठकें आयोजित की गईं. इसके साथ ही सरकार आप दा द्वार अभियान और राशन अभियान के जरिए लोगों से जुड़ने का प्रयास किया गया है. इसके अलावा आम लोगों की मदद के लिए कई ऐसे फैसले लिए गए.