Mafia Khan Mubarak: हरदोई जेल में बंद माफिया खान मुबारक की मौत

0

यूपी से एक और हिस्ट्रीशीटर का अंत हो गया है। हरदोई जेल में बंद माफिया खान मुबारक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि खान मुबारक पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था। उसे इलाज के लिए कई बार अस्पताल भी ले जाया गया लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। खान मुबारक मार्च 2020 से जिला कारागार हरदोई में बंद था। उधर, खान मुबारक की मौत के बाद जेल महकमे में हड़कंप मच गया। खान मुबारक पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों के पुलिस थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, वसूली और गैंगस्टर समेत तमाम संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है। साल 2012 में महाराजगंज के टांडा तहसील के बहुचर्चित भट्ठा व्यवसायी औऱ ट्रांसपोर्टर कारोबारी की हत्या कर माफिया खान मुबारक चर्चा में आया था। माफिया खान मुबारक अपने बड़े भाई की तरह ही अंबेडकरनगर में अपराध की दुनिया में आया था।

 

यूपी के एक और माफिया डॉन खान मुबारक का जेल में ही अंत हो गया है। हरदोई जेल में बंद खान मुबारक को सोमवार दोपहर करीब तीन बजे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था। वहां पहुंचते ही मृत घोषित कर दिया गया। उसे लाने वालों ने निमोनिया बताया था। हालांकि मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। हर एंगल से जांच की बात कही जा रही है। यूपी में योगी सरकार बनने पर एसटीएफ ने जुलाई 2017 में लखनऊ के पीजीआई क्षेत्र से खान मुबारक को गिरफ्तार किया था। उसके पास से कई आधुनिक असलहे भी मिले थे। खान मुबारक अंडर वर्ल्ड डॉन छोटा राजन गैंग का मुख्य हिस्सा था। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या व अन्य संगीन धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। उसे प्रशासनिक आधार पर छह मार्च 2020 को लखनऊ जेल से हरदोई जेल शिफ्ट किया गया है।

 

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ माह में किसी न किसी कारण से माफिया की मौत या हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में 15 अप्रैल को हत्या के बाद हाल ही में लखनऊ में हत्याकांड हुआ था। इसमें कोर्ट कैंपस में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले मुख्तार अंसारी के सहयोगी कुख्यात मुन्ना बजरंगी और फिर मेराज की जेल के अंदर हत्या कर दी गई थी। एनकाउंटर में दुर्दांत विकास दुबे समेत कई बड़े अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया है। खान मुबारक के साथ ही उसके भाई जफर सुपारी का रिश्ता अंडरवर्ल्ड और छोटा राजन से था। खान मुबाकर पहले इलाहाबाद व आसपास के क्षेत्रों में ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था, बाद में उसने अंबेडकर नगर को ही अपराध का अड्डा बना लिया। खान मुबारक अपराध की दुनिया का एक ऐसा नाम बन चुका था जिससे जिले में ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में भी लोग खौफ खाते थे। खान मुबारक अंबेडकर नगर जिले के हसवर थाना क्षेत्र के ग्राम हरसम्हार का रहने वाला था।

 

खान मुबारक काला घोड़ा हत्या कांड के बाद चर्चा में आया था और छोटा राजन गिरोह का हिस्सा था। छोटा राजन से मिलकर इसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खिलाफ गैंग तैयार किया था। जफर सुपारी ने भी 15 साल की उम्र में ही गांव के एक लड़के की हत्या कर अपराध की दुनिया मे कदम रखा था। मुंबई के काला घोड़ा इलाके में 16 अक्तूबर 2006 को पुलिस की वैन दो कैदियों को लेकर कोर्ट में पेशी के लिए जा रही थी। उसी समय वैन को चारों ओर से घेरकर अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की तड़तड़ाहट उस वक्त रुकी जब गाड़ी में बैठे दोनों कैदियों के जिस्म ठंडे हो गए। गोली मारने वाले बदमाश सरेआम वहां से निकले और कुछ ही मिनटों में भीड़ में गुम हो गए। दिनदहाड़े पुलिस की वैन में दो अपराधियों के मारे जाने से मुंबई में तहलका मच गया। पुलिस ने जब मामले का खुलासा किया तो पता चला कि दोनों हत्याएं दाऊद और छोटा राजन के गैंगवार का नतीजा थीं। खुलासे में सबसे चौंकाने वाली बात थी कि शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटर इलाहाबाद के थे। उस समय पहली बार पता चला कि अंडरवर्ल्ड की जड़े इलाहाबाद तक पहुंच गईं हैं। इस कांड में शहर के अपराधी बच्चा पासी, जफर मुबारक और खान मुबारक को मुंबई क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था।

 

 

RAGA NEWS ZONE Join Channel Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबर