देश की मजबूत भुजा भुज ने 23 मिनट में पाकिस्तान को चटाई धूल… जवानों को संबोधित करते हुए बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय गुजरात दौरे पर है। वे भुज एयरबेस भी गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश की मजबूत भुजा भुज में है। आप सबके बीच आकर मुझे बड़ा गर्व हो रहा है। यह भुज, 1965 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमारी जीत का साक्षी रहा है। यह भुज, 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी रहा है। और आज एक बार फिर, यह भुज, पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी बना है। इसकी मिट्टी में देशभक्ति की खुशबू है, और यहां के जवानों में भारत की सुरक्षा का अडिग संकल्प है। मैं आप सभी Air warriors समेत, Armed forces और BSF के सभी जांबाजों को सलाम करता हूं।
भुज एयर बेस पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भुज 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का गवाह था और आज फिर यह पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का गवाह बना है… मुझे यहां उपस्थित होकर गर्व महसूस हो रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जो कुछ भी किया, उससे सभी भारतीयों को गर्व हुआ है – चाहे वे भारत में हों या विदेश में। पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट ही काफी थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कल ही मैंने श्रीनगर में हमारे बहादुर सेना के जवानों से मुलाकात की थी। आज मैं यहां वायु योद्धाओं से मिल रहा हूं। कल मैंने उत्तरी क्षेत्र में हमारे जवानों से मुलाकात की थी और आज मैं देश के पश्चिमी हिस्से में वायु योद्धाओं और अन्य सुरक्षा कर्मियों से मिल रहा हूं। मैं दोनों मोर्चों पर उच्च जोश और ऊर्जा को देखकर उत्साह महसूस करता हूं। मुझे विश्वास है कि आप भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान भी ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत मान चुका है। हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, ‘दिन में तारे देखना।’ भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को ‘रात के अँधेरे में दिन का उजाला’ दिखा दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरे लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि लोगों को नाश्ता करने में जितना समय लगता है, आपने उतना समय दुश्मनों से निपटने में लगाया। आपने दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, पूरी दुनिया ने इसे सुना। वो गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपकी और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।