SCO Summit: एक ही कार में मीटिंग के लिए पहुंचे मोदी-पुतिन, सामने आई तस्वीर बढ़ाएगी ट्रंप की टेंशन!

रूसी राष्ट्रपति पुतिन, प्रधानमंत्री मोदी और अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही कार में गए। एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO Summit) से आई यह तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (Trump) की टेंशन बढ़ा सकती है। इसे लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा- एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल तक साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।
चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन समिट चल रहा है इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की। एससीओ वर्ल्ड लीडर्स की मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में कहा कि पहलगाम में हुआ भयावह आतंकवादी हमला न केवल भारत के लिए एक झटका था बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश के लिए एक खुली चुनौती भी था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की उपस्थिति में मोदी ने यह भी जोर देकर कहा कि एससीओ को आतंकवाद पर ‘दोहरे मानदंडों’ को स्पष्ट रूप से और सर्वसम्मति से नकारना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह मानवता के प्रति हमारा कर्तव्य है।’
पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि यह सवाल उठना स्वाभाविक है: ‘क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है?’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है।उन्होंने कहा, ‘कई माताओं ने अपनी संतानें खो दीं और कई बच्चे अनाथ हो गए। हाल में हमने पहलगाम में आतंकवाद का एक बेहद घृणित रूप देखा।’
उन्होंने कहा, ‘यह हमला न केवल भारत की अंतरात्मा पर एक आघात था, बल्कि यह हर उस देश, हर उस व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती था जो मानवता में विश्वास रखता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ को आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें स्पष्ट रूप से और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं होगा। हमें आतंकवाद के सभी रूपों और रंगों का मिलकर विरोध करना चाहिए।’
मोदी ने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ खड़े होने वाले मित्र देशों के प्रति भी आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद किसी भी राष्ट्र की शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए बड़ी चुनौतियां हैं।उन्होंने कहा कि एससीओ का क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचा आतंकवाद से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री ने ‘कनेक्टिविटी’ (संपर्क) के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि संपर्क के हर प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली ‘कनेक्टिविटी’ विश्वास और अर्थ खो देती है।