हरियाणा मनरेगा में घोटाला: विदेश गए लोगों के नाम पर जॉब कार्ड, सरकार को लगाया चूना, तीन मेट निलंबित 

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हरियाणा के कैथल जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में घोटाले का शक सच साबित हो रहा है। मनरेगा में जॉब को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। ककराला इनायत और ककहेड़ी गांवों में ऐसे व्यक्तियों के नाम मस्ट्रोल में हाजिर हैं, जो विदेश में रह रहे हैं। उनके नाम पर फर्जी कार्ड बनवाकर सरकारी पैसा ऐंठा जा रहा था। इस मामले में मनरेगा के तीन मेट रणधीर सिंह, सतपाल और अनुज को निलंबित कर दिया गया है।

 

बीडीपीओ (खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी) रिपोर्ट में इस मामले में चार जूनियर इंजीनियर- शुभम धीमान, सलिंद्र कुमार, सोनू और मुनीष के भी नाम सामने आए हैं। इन चारों जेई को नोटिस जारी कर दिया गया है और इनसे जवाब मांगा गया है। बीडीपीओ नेहा शर्मा ने इस मामले को लेकर सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है और विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

बता दें कि बीते मंगलवार को दिशा (जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में सांसद नवीन जिंदल और डीसी प्रीति के सामने 11 महीने में 18 करोड़ रुपए मनरेगा के खर्च की रिपोर्ट पेश की गई। सांसद और डीसी ने इस खर्च पर सवाल उठाए। ये काम सिंचाई विभाग के कन्वर्जेंस के तहत हो रहा था लेकिन पंचायत विभाग द्वारा श्रमिक उपलब्ध कराए जा रहे थे। इसको लेकर बीडीपीओ ने सरपंच और सचिव से जवाब तलब किया गया है। बीडीपीओ नेहा शर्मा ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि ककराला में 44 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं, जो विदेश में हैं।

 

इस बैठक में गुहला के कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस और पूंडरी के भाजपा विधायक सतपाल जांबा ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर जांच कराई, जिसमें फर्जी मस्ट्रोल तैयार करने का मामला सामने आया है। विधायकों ने कहा कि मस्ट्रोल में ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं, जो विदेश में रहते हैं। इनके नाम मनरेगा सूची में डाले गए और इसके जरिए लाखों रुपयों का गबन किया गया। दोनों विधायकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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