Paracetamol Medicine Ban: तुरंत राहत पहुंचाने वाली इन दवाइयां के सेवन से रहे सतर्क, हो सकती है गंभीर बीमारी, पेरासिटामोल सहित 156 बैन दवाइयों के नुकसान
हाल ही में, केंद्र सरकार ने 156 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर बैन लगा दिया है। यह दवाएं बुखार, खांसी, सर्दी, एलर्जी और स्किन की बीमारियों के इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाती थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन दवाओं का सेवन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिसके कारण इन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवाएं वह दवाएं होती हैं जो दो या दो से अधिक दवाओं के मिश्रण से बनाई जाती हैं। इनका उद्देश्य एक ही टैबलेट या कैप्सूल में विभिन्न दवाओं के लाभ को समेटना है। उदाहरण के लिए, अगर डॉक्टर ने अलग-अलग तीन दवाएं लिखी हैं, तो एफडीसी दवा में उन तीनों दवाओं के सॉल्ट एक ही पिल में मिल जाते हैं। यह दवा एक साथ कई दवाओं के प्रभाव प्रदान करती है। हालांकि, ये दवाएं विभिन्न ब्रांड नामों से उपलब्ध होती हैं और इसमें कई दवाओं का संयोजन होता है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, एफडीसी दवाएं उन मरीजों के लिए होती हैं जिनकी गंभीर बीमारियों का इलाज चल रहा होता है और सामान्य दवाओं से उन्हें राहत नहीं मिलती। इन दवाओं का उपयोग अक्सर किया जाता है क्योंकि ये सिंगल कॉम्बिनेशन दवाओं की तुलना में त्वरित राहत प्रदान करती हैं। लेकिन, इनका उपयोग स्वास्थ्य पर कुछ हानिकारक प्रभाव भी डाल सकता है।
फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है। इन दवाओं का अत्यधिक और लंबे समय तक उपयोग एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा पैदा कर सकता है। इससे शरीर के बैक्टीरिया इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दवाओं का प्रभाव कम हो जाता है और इलाज में कठिनाई होती है। कई मामलों में यह स्थिति गंभीर हो सकती है और मरीज की जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिये, इन दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवाओं की पहचान कैसे करें
डॉ. किशोर के अनुसार, एफडीसी दवाएं आमतौर पर ब्रांड नामों के साथ आती हैं और इनमें एक से अधिक दवाओं का मिश्रण होता है। उदाहरण के तौर पर, ‘क्रोसिन’ एक ब्रांड नाम है, जिसमें कैफीन और पैरासिटामोल का संयोजन होता है। पैरासिटामोल बुखार और सिरदर्द को कम करता है, जबकि कैफीन माइग्रेन जैसी समस्याओं में राहत देती है। इसी प्रकार, ऐसी दवाओं की पहचान उनके ब्रांड नाम और उनके अंदर मौजूद दवाओं के संयोजन से की जा सकती है।
बैन की गई दवाओं की सूची
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन 156 एफडीसी दवाओं पर बैन लगाया है, उनमें कई प्रकार की दवाएं शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दवाओं की सूची निम्नलिखित है:
बैन की गई दवाओं की सूची:
एमाइलेज + प्रोटीज + ग्लूकोमाइलेज + पेक्टिनेज + अल्फा गैलेक्टोसिडेज + लैक्टेज + बीटा-ग्लूकोनेस + सेल्यूलेज + लाइपेज + ब्रोमेलैन + जाइलानेज + हेमिकेल्यूलेज + माल्ट डायस्टेज + इनवर्टेज + पपेन की एफडीसी
इन दवाओं का उपयोग आमतौर पर पाचन समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता था। परंतु, इनकी प्रभावशीलता और सुरक्षा के मुद्दों के चलते इन्हें बैन कर दिया गया है।
एंटीमनी पोटेशियम टार्ट्रेट + सूखे फेरस सल्फेट
ये दवाएं अक्सर एनीमिया और अन्य रक्त विकारों के इलाज के लिए उपयोग की जाती थीं, लेकिन दवा की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के कारण बैन की गई हैं।
बेनफोटियामाइन + सिलीमारिन + एल-ऑर्निथिन एल-एस्पार्टेट + सोडियम सेलेनाइट + फोलिक एसिड + पाइरिडोक्सिन हाइड्रोक्लोराइड का एफडीसी
ये दवाएं आमतौर पर विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स के रूप में दी जाती थीं। उनके संभावित दुष्प्रभावों और अन्य चिकित्सा समस्याओं के कारण प्रतिबंधित की गई हैं।
साइप्रोहेप्टाडाइन एचसीएल + थायमिन एचसीएल + राइबोफ्लेविन + पाइरिडोक्सिन एचसीएल + नियासिनामाइड की एफडीसी
यह दवा अक्सर विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए प्रयोग की जाती थी, परंतु इसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों के कारण बैन की गई है।
रबेप्राजोल सोडियम का एफडीसी (एंटेरिक कोटेड टैबलेट के रूप में) + क्लिडिनियम ब्रोमाइड + डायसाइक्लोमाइन एचसीएल + क्लोर्डियाजेपॉक्साइड
यह दवा पेट की समस्याओं और पाचन विकारों के इलाज के लिए प्रयोग होती थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से इस पर बैन लगा दिया गया है।
फंगल डायस्टेस की एफडीसी + पपैन + नक्स वोमिका टिंचर + इलायची टिंचर
यह संयोजन आमतौर पर पाचन समस्याओं के इलाज के लिए प्रयोग होता था। इसके संभावित दुष्प्रभावों के कारण इसे बैन किया गया है।
कैसिइन हाइड्रोलाइज्ड + अल्कोहल, ओमेप्राज़ोल
कैसिइन हाइड्रोलाइज्ड और ओमेप्राज़ोल की एफडीसी का उपयोग आमतौर पर पेट की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता था। इन दवाओं के उपयोग से संबंधित सुरक्षा चिंताओं के चलते इन पर बैन लगाया गया है।
सुक्रालफेट + एसेलोफेनाक का एफडीसी
यह संयोजन आमतौर पर पेट की समस्याओं और दर्द के इलाज के लिए प्रयोग होता था। लेकिन इसके संभावित दुष्प्रभावों के कारण बैन कर दिया गया है।
सुक्रालफेट + डोमपरिडोन + डाइमेथिकोन की एफडीसी
यह दवा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग की जाती थी। इसके दुष्प्रभावों के कारण बैन लगाना पड़ा है।
सुक्रालफेट + डोमपरिडोन का एफडीसी
पेट के अल्सर और अन्य पेट की समस्याओं के इलाज के लिए यह दवा उपयोग की जाती थी। अब इसे बैन कर दिया गया है।
बैन का कारण
इन दवाओं पर बैन लगाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
सुरक्षा चिंताएँ: दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभावों के कारण इन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रभावशीलता की कमी: कुछ दवाओं की प्रभावशीलता को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ है, जिसके कारण इन्हें बाजार से हटा लिया गया है।
कानूनी और विनियामक मुद्दे: दवा के निर्माण, वितरण और विपणन से संबंधित कानूनी मुद्दों के चलते भी ये दवाएँ प्रतिबंधित की गई हैं।
इस सूची में और भी कई दवाओं के नाम शामिल हैं, जो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चिन्हित की गई हैं। यह कदम सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है, और इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है। केंद्र सरकार द्वारा फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर लगाए गए बैन का उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है। ऐसे मामलों में जहां एफडीसी दवाओं का उपयोग किया जाता है, यह महत्वपूर्ण है कि मरीज अपने डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें।