अवैध खनन से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, कठोरतम धाराएं लागू होंगीः सीएम सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा सदन में प्रदेश में अवैध खनन के मामले को लेकर विस्तृत वक्तव्य दिया। सीएम ने कहा कि अवैध खनन से जुड़े किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस और प्रशासन पूरी निष्पक्षता से जांच कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। दोषियों के खिलाफ कानून की कठोरतम धाराएं लागू होंगी। प्रदेश की प्राकृतिक संपदा और जनता के अधिकारों की रक्षा करना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सीएम ने सदन को अवगत करवाया कि पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि सुजानपुर क्षेत्र में एक ऐसा स्टोन क्रेशर, जिसे पिछले वर्ष जुलाई में आधिकारिक रूप से बंद दिखाया गया था, वास्तव में सक्रिय रूप से अवैध खनन में लगा हुआ है। यह क्रेशर स्थानीय स्तर पर उन लोगों से जुड़ा हुआ है, जो स्वयं को प्रभावशाली रिश्तों की आड़ में सुरक्षित मानते रहे हैं। 12 अगस्त को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस दल ने छापेमारी की। भारी बारिश और क्षतिग्रस्त सड़कों के बावजूद टीम मौके पर पहुंची और एक पोकलेन, दो जेसीबी मशीनें, चार टिपर, एक मिक्सर करीब 50 खनन सामग्री से लदे टिपर, स्टोन क्रेशर परिसर से डीवीआर और मनवीर सिंह नामक व्यक्ति का ट्रैक्टर भी कब्जे में लिया गया।
सीएम ने कहा कि सुजानपुर थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर संख्या 53/2025 दिनांक 12 अगस्त 2025 चोरी एवं अवैध खनन से संबंधित एक गंभीर मामला है। स्वतंत्र गवाहों की वीडियो क्लिप पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा बनी है। अभी तक की जांच में यह पाया गया है कि बरसात के मौसम में जब खनन पर पूर्ण प्रतिबंध था, क्रेशर की लीज सरकारी भूमि पर थी और 15 मार्च 2024 से यह क्रेशर बंद घोषित था। तब भी यहां जेसीबी और टिपर से अवैध खनन जारी रहा। नवीनतम जांच के अनुसान ताजा और पुरानी खनिज सामग्री का लोक निर्माण विभाग से मापन कराया गया। खनन विभाग के अधिकारियों को रॉयल्टी और डब्ल्यू तथा एक्स फार्म की जांच के लिए शामिल किया गया है। आरोपियों के बैंक खाता विवरण प्राप्त कर विश्लेषणाधीन हैं। डीवीआर रिकॉर्डिंग आरएफएसएल जुन्गा को भेजी गई है, जिसकी रिपोर्ट आनी है। लीज की डिमार्केशन के लिए औपचारिक अनुरोध किया गया है। जब्त सामग्री एवं वाहनों को न्यायालय के माध्यम से जब्त कराने की कार्रवाई चल रही है। इसके अतिरिक्त, बिजली बोर्ड ने क्रेशर की बिजली सप्लाई काट दी है।
नाम किसी और का, खेल किसी और काः सीएम
सीएम ने कहा कि सबसे अहम तथ्य यह है कि क्रेशर मालिक ने 4 नवंबर 2024 को अपने भतीजे उमेश शर्मा को पॉवर ऑफ अटॉर्नी देकर पूरा संचालन उसके हाथों में सौंपा था। उमेश शर्मा सड़क एवं पुल निर्माण कंपनी का मालिक है। इस कंपनी को महावीर स्टोन क्रैशर से सड़क निर्माण के लिए कितनी सामग्री जारी की गई, इसकी जांच भी विभागीय स्तर पर चल रही है। यानी नाम किसी और का, खेल किसी और का। यही असलियत है इस अवैध कारोबार की। प्रवीण शर्मा, उसका भतीजा उमेश शर्मा, और उनके मुंशी व सहयोगी (सतीश शर्मा व संजय कुमार) ने कानूनी करवाई से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर राखी जिनकी सुनवाई 24 सितंबर को तय है। सीएम ने स्पष्ट किया कि जमानत कोई बरी होना नहीं है। पूछताछ लगातार जारी है और जांच की दिशा दोषियों को कटघरे तक पहुंचाने की है। सीएम ने कहा कि ये परवीन शर्मा वही हैं जिन्होंने झंडू कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी से एक फर्जी वर्क प्रमाण पत्र लेकर लोक निर्माण विभाग से फर्जीवाड़ा करके अपने एक प्रभावशाली रिश्तेदार के साथ मिला कर बनाई हुई कंपनी को क्लास वन कांट्रेक्टर का प्रमाणपत्र हासिल किया था जिस पर पुलिस स्टेशन हमीरपुर अभी अन्वेषणाधीन है और जांच की दिशा दोषियों को कटघरे तक पहुंचाने की है।
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस प्रकार के अवैध खनन में कुछ अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका है। इससे यह साफ प्रतीत होता है कि केवल आर्थिक लालच ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रिश्तों का दुरुपयोग कर अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया गया। प्रदेश की जनता यह अच्छी तरह समझती है कि ऐसे अवैध खनन बिना किसी प्रभावशाली संरक्षण के संभव नहीं होते। लोकतंत्र के लिए यह एक गहरी चिंता का विषय है। जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि यदि प्रत्यक्ष न सही, पर परोक्ष रूप से ऐसे अवैध नेटवर्क का संरक्षणकर्ता बन जाए तो यह प्रदेश की गरिमा पर कलंक है।