मनमोहन सिंह काे आखिरी सलामी कल: राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कल शनिवार (28 दिसंबर) को दिल्ली में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। शांत और मृदुभाषी स्वभाव के इस नेता ने न केवल भारत को आर्थिक संकट से उबारा, बल्कि अपनी सादगी और ईमानदारी से हर भारतीय का दिल भी जीता।

डॉ. मनमोहन सिंह काे दिल्ली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेताओं ने मनमोहन सिंह के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक (National Mourning) का ऐलान किया है। इस दौरान सभी सरकारी भवनों और दफ्तरों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। मनमोहन सिंह के असमायिक निधन की वजह से कई सरकारी और सामाजिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सादगी और राष्ट्र के लिए उनके योगदान को याद करते हुए देश उन्हें अंतिम विदाई दे रहा है।

गुरुवार(27 दिसंबर) की रात दिल्ली के AIIMS अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंतिम सांस ली। मनमोहन सिंह को गुरुवार शाम 8:06 बजे अस्पताल लाया गया था। अस्पताल लाते वक्त वह बेहोशी के अवस्था में थे। अस्पताल के बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। मनमोहन सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीते कुछ समय से वह सार्वजनिक जीवन से भी दूर थे। उनके निधन की खबर आते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके परिवार और करीबी सहयोगी अंतिम क्षणों में उनके पास मौजूद थे।

मनमोहन सिंह देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे। वे 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने और लगातार दो कार्यकाल पूरे किए। यह देश के इतिहास में एक अहम उपलब्धि मानी जाती है। उनके कार्यकाल में देश ने राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का दौर देखा। शांत और मृदुभाषी स्वभाव के लिए प्रसिद्ध डॉ. सिंह ने कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में देश का नेतृत्व किया। उनकी नीतियों और नेतृत्व क्षमता ने भारत को एक नई दिशा दी। मनमोहन सिंह एक जाने माने अर्थशास्त्री थे, और अपने पीएम रहने के दौरान उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दी।

1991 में देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। उस समय वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों की नींव रखी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कोशिशों से देश में उदारीकरण (Liberalization) का दौर शुरू हुआ। उन्होंने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई। मनमोहन सिंह के इन्हीं कदमों ने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। उनकी नीतियां आज भी आर्थिक सुधारों के लिए मील का पत्थर मानी जाती हैं।

मनमोहन सिंह ने 1991 में असम से राज्यसभा सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद वे 33 वर्षों तक राज्यसभा के सक्रिय सदस्य रहे। 2019 में वे राजस्थान से सांसद बने। 3 अप्रैल 2024 को उनका कार्यकाल समाप्त हुआ। उनकी अंतिम उपस्थिति 19 सितंबर 2023 को थी। उस समय मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर बैठकर राज्यसभा में पहुंचे थे। पीएम मोदी ने इसकी तारीफ की थी। मनमोहन सिंह के योगदान को संसद में हमेशा याद किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि संसद में उनके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी। संसद उन्हें सादगी और विद्वता के प्रतीक के रूप में याद रखेगी।

राहुल गांधी ने कहा कि मनमोहन सिंह के निधन से मैंने अपना गुरु और मार्गदर्शक खो दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि उनके निधन से देश ने एक सच्चा नेता खो दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी विद्वता और सादगी हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। कांग्रेस ने अपने सभी कार्यक्रम 3 जनवरी तक स्थगित कर दिए हैं। पार्टी के नेताओं ने उन्हें सादगी, सेवा और समर्पण का प्रतीक बताया। उनके निधन से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गहरा शोक है। राहुल गांधी ने एक प्यारा सा वीडियो पोस्ट कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्र सरकार ने 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक केरल में भी राज्य शोक घोषित किया गया है। खेल जगत ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। टीम इंडिया ने मेलबर्न टेस्ट में काली पट्टी पहनकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। उनके निधन से देश के हर वर्ग में शोक व्याप्त है। सभी ने उन्हें एक सच्चे नेता और देशभक्त के रूप में याद किया।

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