कंगना रनौत ने मानी सेंसर बोर्ड की शर्तें, अब रिलीज होगी ‘इमरजेंसी’, बस नहीं दिखेंगे तीन सीन
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज से जुड़े मामले की सुनवाई की। मामला तब शुरू हुआ जब कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सेंसर बोर्ड से क्लियरेंस नहीं मिल रहा था। ऐसे में रिलीज डेट में देरी को लेकर कंगना रनौत बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गईं। बाद में CBFC ने कंगना की फिल्म में तीन कट लगाने को कहा था। सोमवार को आखिरी सुनवाई में ‘इमरजेंसी’ के निर्माता आखिरकार फिल्म से तीन सीन काटने के लिए राजी हो गए। ताजा घटनाक्रम में बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया है क्योंकि दोनों पक्ष, कंगना रनौत और सेंसर बोर्ड एक समाधान पर सहमत हो गए हैं।
‘इमरजेंसी’ का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि समीक्षा समिति को फिल्म में सीबीएफसी द्वारा सुझाए गए कट्स को अंतिम रूप देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया था। बाद में वकील ने याचिका का निपटारा करने की मांग की और दोनों पक्षों ने इस मुद्दे पर काम किया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वर्तमान याचिका का निपटारा किया जा रहा है। फैसले में कहा गया, ‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि अदालत ने पक्षों की प्रतिबद्धता पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पक्षों के सभी अधिकार और तर्क सुरक्षित हैं।’
अब जब कंगना रनौत अपनी फिल्म में बदलाव करवाने के लिए सहमत हो गई हैं तो उम्मीद है कि सेंसर बोर्ड जल्द ही फिल्म को सर्टिफिकेट के साथ पास कर देगा और फिर ‘इमरजेंसी’ जल्द ही सिनेमाघरों में भी दिखाई जाएगी। कई राजनीतिक फिल्मों की तरह ही इसका भी लोगों को इंतजार है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इस फिल्म को दर्शकों का कितना प्यार मिलता है।
बता दें, कंगना रनौत द्वारा लिखित और निर्देशित ‘इमरजेंसी’ में अनुपम खेर, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन, श्रेयस तलपड़े, विशाक नायर और दिवंगत सतीश कौशिक भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। जी स्टूडियोज और मणिकर्णिका फिल्म्स द्वारा निर्मित इस फिल्म में संचित बलहारा का संगीत और रितेश शाह की पटकथा और संवाद हैं। इमरजेंसी की कहानी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है और कंगना दिवंगत राजनेता की मुख्य भूमिका निभा रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने 1975 में देश में आपातकाल लगाया था और फिल्म की कहानी में इस पर प्रमुखता से बात होगी।