दुष्कर्म पीडि़ता व उसके पति की सोशल मीडिया पर पहचान की उजागर

दुष्कर्म पीडि़ता व उसके पति की सोशल मीडिया पर पहचान की उजागर
– पादरी बजिंदर सिंह के आईटी सेल ऑपरेटर पर मामला दर्ज
मोहाली। पादरी बजिंदर से जुड़ा एक नया विवाद सामने आया है। पादरी बजिंदर सिंह को दुष्कर्म मामले में उम्र कैद की सजा दिला चुकी है पीडि़ता ने अपने समर्थकों पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसकी पहचान उजागर करने का आरोप लगाया है। पीडि़ता के अनुसार पादरी के आईटी सेल ऑपरेटर द्वारा सोशल मीडिया और टेलीविजन चैनलों पर उसका नाम, आवासीय पता और अन्य संवेदनशील विवरण सहित व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रसारित कर दी है। इस मामले में बलौंंगी पुलिस ने आरोपी आशीष राजकुमार के खिलाफ बीएनएस की धारा 72, 351(2), 356(2), 79 और आईटी एक्ट की धारा 67 व 72 के तहत मामला दर्ज किया है।
महिला ने आरोप लगाया वे न केवल उसकी पहचान उजागर कर रहे हैं, बल्कि वे लोगों को उसके खिलाफ भडक़ा रहे हैं। उसने अपनी सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। उसने दावा किया है कि इस लक्षित उत्पीडऩ अभियान के कारण अब उसकी जान को खतरा है। पीडि़त युवती ने बताया कि आरोपी आशीष राजकुमार ने अवैध तौर पर चल रहे यू-ट्यूब चैनल 3 मई को एक रिकार्डिंग डाली गई जिसमें आशीष राजकुमार पादरी बजिंदर सिंह के चेले हरमेश सिंह मसीह से बातचीत कर रहा है। उसका नाम, पता व उसकी सीसीटीवी फुटेज यू-ट्यूब पर अपलोड की है। उसकी निजी जानकारी एक नहीं बल्कि तीन यू-ट्यब चैनल पर डाली गई है। पीडि़ता ने आशीष राजकुमार के अलावा पादरी हरदीप सिंह , पादरी हरमेश सिंह, अविनाश कुमार, हामीद मसीह, सुरजीत सिंह थापर व नितिश कुमार पर भी आरोप लगाए हैं
उसकी शिकायत के आधार पर बलौंगी पुलिस स्टेशन ने फिलहाल एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पुष्टि की है कि वे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और डिजिटल प्लेटफार्म की जांच करने और आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए साइबर सेल की सहायता मांगी गई है।
एसएचओ अमनदीप सिंह कंबोज ने कहा कि गंभीर उल्लंघन और धमकी का मामला सामने आया था। अभी एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है जबकि अन्य छह जिन पर पीडि़त आरोप लगा रही है उनकी भुमिका की जांच शुरु कर दी है। अगर उनकी भुमिका सामने आई तो उन्हें भी मामले में नामजद किय गया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और साइबर विशेषज्ञों के साथ समन्वय करके इन पोस्ट की उत्पत्ति का पता लगाने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस स्थिति ने पीडि़तों की सुरक्षा और धमकी और बदनामी के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताई है। फिलहाल जांच चल रही है।