डिजिटल अरेस्ट: 1.15 करोड़ की ठगी, देशभर में लोगों को बनाया निशाना

सूरत पुलिस ने देश के 24 राज्यों में डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले मुख्य आरोपी पार्थ गोयानी को गिरफ्तार कर लिया है. पार्थ को पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह लखनऊ से कंबोडिया जा रहा था. पुलिस ने बताया कि पार्थ को सूरत के एक सीनियर सिटीजन को 2.5 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 1.15 करोड़ रुपये की ठगी मामले में गिरफ्तार किया गया है. जांच में पता चला है कि पार्थ के गिरोह ने 173 से ज्यादा डिजिटल अरेस्ट के मामलों को अंजाम दिया और देशभर में लोगों से करोड़ों रुपये ठगे हैं.
सूरत क्राइम ब्रांच के डीसीपी भवेश रोजियाने ने बताया कि ये मामला नवंबर 2024 का है, जिसमें साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. इन लोगों के खिलाफ गुजरात समेत 24 राज्यों में डिजिटल अरेस्ट के 173 मामले दर्ज हैं. पुलिस के अनुसार, पार्थ गोयानी की भूमिका इस गिरोह के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आई है जो कंबोडिया से चीनी गिरोह के साथ मिलकर इस रैकेट को चला रहा था. जांच में ये भी पता चला है कि वह अपने पिता राजेश डियोरा को सूरत में रुपये भेजता था. पार्थ हर मामले में 10-15 रुपये का कमीशन रखकर बाकी राशि चीनी गिरोह को यूएसडीटी (USDT) के जरिए ट्रांसफर करता था.
जांच में पता चला कि पार्थ कंबोडिया से नेपाल गया था और वहां से एक नया स्टार्टअप शुरू किया था. वह नेपाल से लखनऊ के रास्ते कंबोडिया वापस जाने की फिराक में था, तभी सूरत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि पार्थ ने किन-किन प्लेटफॉर्म्स के जरिए चीनी गिरोहों के साथ काम किया और पैसे ट्रांसफर किए. डीसीपी रोजियाने ने बताया कि कंबोडिया में इस तरह के रैकेट बड़े पैमाने पर चलाए जाते हैं, जहां लोगों को नौकरी का लालच देकर साइबर क्राइम कराया जाता है. सूरत पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि इस गिरोह के अन्य लोगों और उनके नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया जा सके.