Delhi Election: केजरीवाल के खिलाफ अदालत में केस दायर, 17 फरवरी को पेश होने का नोटिस; पढ़ें पूरा मामला
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि उनके विरुद्ध क्रिमिनल धाराओं में भी केस दायर किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 2-डी में आपदा को परिभाषित किया गया है, जबकि धारा 54 के तहत झूठी चेतावनी जारी करने पर सजा का प्रविधान है।
चंडीगढ़ में विपुल गोयल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का बयान बेतुका और भ्रमित करने वाला है। इस प्रकार के घटिया और गैरजिम्मेदाराना बयान के लिए चुनाव आयोग भी केजरीवाल के खिलाफ कड़ा संज्ञान लेगा। हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाकर केजरीवाल ने घटिया राजनीति की है। उनके विरुद्ध हरियाणा सरकार कानूनी कार्रवाई कर रही है।
चुनाव में अपनी साख बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की जनता पर शर्मनाक और निराधार आरोप लगाए हैं। हरियाणा की जनता यमुना नदी को आराध्य मानती है। इस प्रकार का मिथ्या प्रचार ना केवल हरियाणा का अपमान है, बल्कि दिल्ली के लोगों को गुमराह करने की साजिश भी है।
विपुल गोयल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने तथाकथित ‘जहरीले पानी‘ को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया। लेकिन उनके पास इस दावे का कोई सबूत नहीं है। केजरीवाल के पास हरियाणा द्वारा पानी में जहर मिलाने और दिल्ली सरकार द्वारा उसे रोक देने का कोई प्रमाण नहीं है। यह प्रमाण उनसे केंद्रीय चुनाव आयोग ने भी मांगे हैं। अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए झूठ बोलना अरविंद केजरीवाल की पुरानी आदत है।
मंत्री ने बताया कि दिल्ली के 37 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में से केवल 17 ही चालू हैं। यह दिल्ली सरकार की अक्षमता और यमुना नदी की दुर्दशा के लिए उनकी गैरजिम्मेदारी को दिखाता है। दिल्ली सरकार के इस कुप्रबंधन से ना केवल दिल्ली के लोग, बल्कि हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, सोनीपत और नूंह जिलों के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अदालत में केस दायर करने पर अदालत मामले की सुनवाई करेगी और फैसला सुनाएगी। आपदा प्रबंधन से जुड़े मामलों में अदालत में रिट याचिका दायर करने का प्रविधान है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में 11 अध्याय और 79 धाराएं हैं। इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) का गठन किया गया है।