बिक्रम सिंह मजीठिया को मिली जेड-प्लस सुरक्षा वापस ली, सुखबीर बादल बोले- यह AAP सरकार की खतरनाक साजिश

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चंडीगढ़। अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को मिली जेड-प्लस सुरक्षा को वापस ले ली गई है। सुरक्षा वापस लेने के कुछ घंटे पहले ही मजीठिया ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपने एक्स एकाउंट पर वीडियो शेयर कर चुनौती दी थी कि उनके खिलाफ ड्रग्स मामले को लेकर बनाई गई विशेष जांच समिति (एसआईटी) की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री को करनी चाहिए। एसआईटी के सदस्यों के रूप में वैभव कुमार और विजय नायर के ले लें। 

वहीं, शिरोमणि अकाली दल के पूर्व प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि मजीठिया से जेड-प्लस सुरक्षा वापस लेने को आम आदमी पार्टी की शिअद नेतृत्व के खिलाफ खतरनाक और घातक इरादों की पुष्टि करता है। इस फैसले को आप सरकार द्वारा मजीठिया के खिलाफ शुरू की गई व्यापक कार्रवाई के साथ देखा जाना चाहिए। जो उन्हें ड्रग मामले में झूठा फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
जबकि इससे पहले के खिलाफ ड्रग्स मामले की जांच कर रही विशेष जांच समिति (एसआईटी) प्रमुख को पंजाब सरकार द्वारा पांचवीं बार बदलने पर खुद मजीठिया ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि हर बार एसआईटी प्रमुख की वरिष्ठता कम होती जा रही है। 

शुरूआत में डीजीपी रैंक के अधिकारी एसआईटी प्रमुख होते थे अब एआईजी रैंक तक पहुंच गया है। एक वीडियो जारी कर अकाली नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री को पता हैं कि ड्रग्स मामले में एसआईटी के हाथ खाली हैं इसलिए वह उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करना चाहती है। इसी कारण विजिलेंस प्रमुख को बदल दिया गया है।
अकाली नेता मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य में उनके खिलाफ बोलने वालों में एक भय का माहौल बनाकर रखना चाहते हैं। विजिलेंस प्रमुख नागेश्वर राव पर सरकार उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने का दबाव बना रही थी। वह दबाव में नहीं आए इसलिए एसपीएस परमार को विजिलेंस प्रमुख बनाया गया है।
मजीठिया ने कहा कि पुलिस उनके खिलाफ पर्चा दर्ज कर सकती है लेकिन वह इससे भी बेदाग निकल कर आएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि फिर वह इन अधिकारियों की संपत्ति की पोल-पट्टी खोलेंगे।
अकाली नेता ने कहा कि बेहतर होगा कि भगवंत मान ही एसआईटी के प्रमुख बन जाए। क्योंकि कांग्रेस के कार्यकाल में 3 एजी और आप सरकार आने के बाद भी 3 एजी बदल चुके हैं। अब चौथा एजी लगाया गया है। ताकि उन वकीलों को पंजाब लाया जा सके जोकि दिल्ली में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का केस लड़ते रहे है।
मजीठिया द्वारा मुख्यंत्री को चुनौती देने के कुछ घंटों बाद ही उनकी जेड-प्लस सुरक्षा को वापस ले लिया गया है। जिसकी निंदा करते हुए सुखबीर बादल ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने ड्रग मुद्दे पर झूठे आरोप लगाने के लिए मजीठिया से लिखित में माफी मांगी थी। 

सुखबीर ने लिखा यह सबकुछ ऐसे समय में हो रहा है जब आप सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा शिरोमणि अकाली दल के नेताओं और प्रवक्ताओं को खुलेआम हत्या की धमकियां दी जा रही हैं और मुख्यमंत्री इन खतरनाक घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि अगर बिक्रम या हमारे किसी नेता या कार्यकर्ता को कोई नुकसान पहुंचता है तो भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और डीजीपी इसके लिए व्यक्तिगत और प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार होंगे।
वहीं, गृह विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके अधिकारी ने बताया कि समय-समय पर सुरक्षा का रिव्यू किया जाता है। जिसमें पंजाब पुलिस और आईबी के अधिकारी भी शामिल होते हैं। खतरे को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई और घटाई जाती है।

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