जंगल सफारी से इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, हरियाणा को मिलेगी नई पहचान; अरावली की पहाड़ियों पर बनेगा विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी।
चंडीगढ़ : अरावली पर्वत श्रृंखला प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की संवाहक बनेगी। हरियाली भरी पहाड़ियां लुप्त हो चुके वन्य जीवों के लिए जीवदायिनी साबित होंगी। इसके साथ ही अरावली की गोद में विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी विकसित की जाएगी, जिससे विश्व में हरियाणा को नई पहचान मिलेगी। अरावली की पहाड़ियों पर 10 हजार एकड़ में जंगल सफारी विकसित की जाएगी, जिससे इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, साथ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का जंगल सफारी ड्रीम प्रोजेक्ट है। बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने वर्ष 2022 में जंगल सफारी की परियोजना तैयार की थी। विश्व की सबसे बड़ी जंगल सफारी बनाने के लिए उन्होंने देश के साथ विदेशी जंगल सफारी एवं फोरेस्ट क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पर वन्य क्षेत्र को वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिए तैयार किया गया है। बता दें कि वर्ष 2022 में मनोहर लाल ने तत्कालीन पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ अफ्रीका के सबसे बड़े क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह का दौरा किया था। हालांकि यह सफारी पार्क दो हजार एकड़ में है। जंगली सफारी परियोजना को मूर्तरूप के उद्देश्य से अभी हाल ही में हरियाणा के जंगल सफारी को बेहतरीन बनाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ गुजरात के वनतारा जामनगर का दौरा किया और वहां पर वन्य जीवों की सुरक्षा और प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण को लेकर तैयार की परियोजनाओं का अवलोकन किया।
10 एकड़ में तैयार होगी दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी परियोजना
वन्य जीवों, पक्षियों, प्राकृतिक जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए हरियाणा में जंगल सफारी के लिए 10 हजार एकड़ भूमि चिन्हित की गई है, जिसमें गुरुग्राम में 6000 एकड़ और नूंह में 4000 एकड़ भूमि शामिल है। यही नहीं जंगह सफारी पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। सफारी में विभिन्न प्रकार के पशु, पक्षी और वनस्पतियां होंगी और इसे आधुनिक और टिकाऊ तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया जाएगा।
