सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की मौज, 350 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएंगी कंप्यूटर लैब

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पंजाब सरकार 10 साल बाद स्कूलों के लिए 350 करोड़ रुपये में नए कंप्यूटर खरीदेगी और लैब इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारेगी। पिछली खरीद योजना PGI 2.0 सर्वेक्षण के कारण टल गई थी। राज्य में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए 2005 में PICITES की स्थापना हुई थी, जिसने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती किए। कई स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी और स्मार्ट कक्षाएं भी स्थापित की गई हैं। अब सरकारी स्कूलों की वेबसाइटें भी बनाई जाएंगी ताकि छात्रों को घर बैठे जानकारी मिल सके।

राज्य सरकार की ओर से करीब 10 वर्ष के बाद स्कूलों के लिए नए कंप्यूटर खरीदे जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से 350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक, 250 करोड़ से नए कंप्यूटर खरीदे जाएंगे। जबकि 100 करोड़ रुपये कंप्यूटर लैब्स के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए खर्च किए जाएंगे। 2015 के बाद स्कूलों के लिए नए कंप्यूटर नहीं खरीदे गए थे।

बीते वर्ष शिक्षा विभाग ने स्कूलों में नए कंप्यूटर खरीदने की तैयारी की थी लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से देश भर के स्कूलों के परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) 2.0 के लिए सर्वेक्षण चल रहा था। इसके चलते कंप्यूटर खरीदने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

इसका मुख्य कारण यह था कि कंप्यूटर खरीदने के लिए सरकार को यह लिखित में देना था कि उनके पास कंप्यूटर बहुत पुराने हैं और ऐसा करने पर राज्य की ग्रेडिंग नीचे गिर सकती थी।

इस कारण से नए कंप्यूटर नहीं खरीदे गए। शिक्षा विभाग स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर शिक्षा को लेकर कई पहल कर रही है। राज्य में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए 2005 में पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी शिक्षा सोसायटी (पीआईसीटीइएस) की स्थापना की गई थी, जिसके तहत कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती की गई थी।

इसके अतिरिक्त, पंजाब के कई स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी और स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की गई हैं। पीआइसीटीइएस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करके डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना था।

कंप्यूटर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, ताकि वे छात्रों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें। कई स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी और स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की गई हैं, जहां छात्र आनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं।

सरकारी स्कूलों की बनेंगी वेबसाइटें सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की तरह घर पर ही होमवर्क व अन्य जानकारियां मिल सके, इसके लिए स्कूलों की वेबसाइटों का भी निर्माण किया जा रहा है जिसमें स्कूल से लेकर विद्यार्थियों की सभी जानकारियां अभिभावकों के लिए उपलब्ध रहेगी।

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