टीटीई को मिला मशीन, ट्रेन में फर्जी आधार कार्ड दिखाने वाले पकड़े जाएंगे

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अब ट्रेन में सफर के दौरान अगर कोई फर्जी आधार कार्ड दिखाएगा, तो वो आसानी से नहीं बच पाएगा। रेलवे ने तय किया है कि चलती ट्रेन में टीटी (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) अब आधार कार्ड की जांच भी कर सकेगा। रेलवे की ओर से टीटीई को ‘एम-आधार’ मोबाइल ऐप का एक्सेस दिया जा रहा है, जिससे वे यात्री का आधार कार्ड स्कैन कर उसकी असली पहचान की जांच कर सकेंगे। यह ऐप यूआईडीएआई द्वारा बनाया गया है, जो बिना इंटरनेट के भी काम करता है। इस ऐप से आधार कार्ड के क्यूआर कोड को स्कैन करते ही यात्री का नाम, फोटो, जन्मतिथि और पता मोबाइल स्क्रीन पर दिख जाएगा। इससे टीटी तुरंत पहचान सकता है कि आधार असली है या नहीं। अगर शक हुआ तो फर्जीवाड़ा करने वाले यात्री को तुरंत जीआरपी के हवाले किया जाएगा और उस पर कार्रवाई होगी। रेलवे ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कई बार लोग दूसरे के आधार कार्ड या नकली पहचान पत्र दिखाकर ट्रेन में सफर करते हैं। अब इस तकनीक से इस तरह की गड़बड़ी पर लगाम लगेगी। मालूम हो कि रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है, जो 1 जुलाई 2025 से लागू होगा। अब आईआरसीटीसी की वेबसाइट या ऐप से तत्काल टिकट बुक करने के लिए आधार से लिंक अकाउंट और ओटीपी बेस्ड वेरिफिकेशन जरूरी होगा। वहीं, 15 जुलाई से हर तत्काल बुकिंग पर आधार से जुड़े मोबाइल पर मिला ओटीपी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि टिकट बुकिंग के समय यूजर की पहचान पक्की की जा सके। रेल मंत्रालय के मुताबिक, इन बदलावों का मकसद टिकट बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, फर्जी एजेंट्स द्वारा की जा रही कालाबाजारी पर रोक लगाना तथा इमरजेंसी में जरूरतमंद यात्रियों को समय पर टिकट उपलब्ध कराना है।

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