प्रेमानंद महाराज बोले, जाप करने से तंत्र-मंत्र नहीं करेगा आपके खिलाफ काम

वृंदावन के प्रेमानंद महाराज से उनके आश्रम में मिलने आए एक भक्त ने पूछा कि लोगों पर तंत्र-मंत्र कर दिया जाता है। क्या इसका कुछ असर होता है। अगर किसी पर तंत्र-मंत्र कर दिया जाए तो क्या करना चाहिए। इसके साथ ही यह भी पूछा कि क्या ज्योतिष में विश्वास करना चाहिए। महाराज ने उसे तीन उदाहरण देते हुए तंत्र-मंत्र और त्योतिष के बारे में विस्तार से बताया। महाराज ने कहा कि तंत्र-मंत्र के विधान हैं। जो तांत्रिक हैं और मंत्रों के ज्ञाता हैं, वह तंत्र-मंत्र से कुछ भी कर सकते हैं। मारन, वशीकरण, उच्चाटन ऐसे ही तंत्र-मंत्र का हिस्सा हैं। साथ ही कहा कि बताया कि इस तंत्र-मंत्र का किस पर असर होता है और किस पर असर नहीं होता है। महाराज ने यह भी बताया कि अगर किसी पर तंत्र मंत्र का असर हो गया है तो उससे कैसे छुटकारा मिलेगा।
प्रेमानंद ने तंत्र-मंत्र का एक उदाहरण भी दिया। कहा कि एक बड़ा तांत्रिक था। वह सालिग्राम भगवान को चुटकियों में नचाता था। वह भक्त होने का नाटक करता था। उसे देखकर लोग सोचते थे कि भगवान इसके वश में हैं, जैसा चाहता है वैसा नचाता है। उस समय एक भजनानंद संत थे। उनके पास भजन करने लोग आते थे। उन लोगों ने तांत्रिक के बारे में भजनांद को बताया। भजनानंद ने कहा कि कोई भक्त ऐसा कर ही नहीं सकता है। भक्त भगवान का प्रदर्शन नहीं करेगा। यह तो आराधना का विषय है। लोगों ने कहा कि भगवान आपको चलना होगा।
इस पर संत गए और तांत्रिक से कहा कि अब अपनी शक्ति दिखाओ। उसने चुटकी बजाई लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब सेर का सवा सेर मिलता है तो कुछ नहीं चलता है। भजनानंद के पास भजन था और वह मंत्र का तांत्रिक था। संत ने कहा कि भोले भाले लोगों को इस तरह से तंत्र से लुभाता है। भजनानंद ने उसकी पोल सभी के सामने खोल दी। इससे तांत्रिक की बेइज्जती हो गई। उसने भजनानंद पर मारन का प्रयोग कर दिया। मंत्र से खप्पर में जलती हुई आग की तरफ अग्नि उनकी तरफ बड़ी लेकिन महात्मा का कुछ नहीं बिगाड़ सकी। तांत्रिक की बनाई आग उसी को लग गई। लोगों ने कहा कि महाराज मर जाएगा। तब भजनानंद ने तांत्रिक से कहा कि जाप करो। इससे उसकी जान बच गई। महाराज ने कहा कि तंत्र होता है, लेकिन असर उसी पर होता है जो जाप नहीं करता है। एक और उदाहरण देते हुए बताया कि एक बड़ा तांत्रिक संतों को परेशान करता था। करपात्री जी उसके पास गए। उसके सामने नारायण नारायण नारायण बोले। कहा कि जितनी ताकत हो मेरे ऊपर लगा लो। लेकिन तांत्रिक कुछ नहीं कर पाया और उनके चरणों में गिर गया। कहा कि आपके ऊपर हमारा तंत्र-मंत्र काम नहीं करेगा।
महाराज ने कहा कि अगर आप जाप करते हैं तो कोई तंत्र-मंत्र काम नहीं करेगा। पाप करने वालों पर ही तंत्र-मंत्र का प्रभाव पड़ेगा। महाराज ने यह भी कहा कि अगर तंत्र-मंत्र कर दिया जाए तो आप परेशान हो जाएंगे। मारन लगा दिया जाए तो आप दस दिन में मर जाओगे। अगर एक दिन का लगा तो एक दिन और एक महीने का लगा तो एक महीने में मर जाओगे। लेकिन जो तांत्रिक अच्छे से अनुष्ठान करते हैं उनका ही असर होता है। इस पर भक्त ने पूछा कि अगर किसी के ऊपर तंत्र का असर हो गया है तो उसके परिवार को क्या करना चाहिए। महाराज ने कहा कि भगवान का जाप, नाम कीर्तन करना चाहिए। कोई भी अमंगल नहीं होगा। कई बार जिन लोगों पर ऐसा हो जाता है तो नाम जप करने पर कष्ट भी होता है। ऐसे लोगों को जबरदस्ती बैठाकर नाम जप सुनाना चाहिए। उन्होंने गोस्वामी तुलसी दास का हनुमान चालीसा में लिखा दोहा दोहराते हुए कहा कि भूत पिशाच निकट नहीं आए महावीर जब नाम सुनावे, नासे रोग हरे सब पीड़ा जपत निरंतर हनुमत बीरा। गोस्वामी जी ने भी यही कहा था।