11 दिन बाद सामने आए मनीष सिसोदिया: फोन भी था बंद, आखिर कहां थे गायब…खुद दिया जवाब

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 दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 11 दिनों के बाद फिर से एक्टिव हो गए हैं। वह पिछले 11 दिनों से ना ही फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, ना ही किसी सोशल मीडिया हैंडल पर एक्टिव थे और ना ही कैमरे के सामने आए थे। लेकिन अब वह 11 दिनों के बाद सामने आ चुके हैं और उन्होंने बताया कि वह पिछले 11 दिनों से राजस्थान के एक गांव में विपश्यना ध्यान शिविर में था।

 

 

बाहरी दुनिया से कटा हुआ था सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने ध्यान केंद्र से निकलकर बताया कि वह पिछले 11 दिनों से विपश्यना ध्यान शिविर में थे। इसके साथ ही उन्होंने अपना अनुभव भी शेयर किया है। सिसोदिया ने एक ट्वीट किया है, जिसमें कहा गया है कि पिछले 11 दिन से मौन, एकांत, और अपने ही अंतर्मन का अवलोकन। सिसोदिया का फोन भी बंद था, बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा हुआ। आज सुबह ही शिविर पूरा हुआ है।

धीरे-धीरे समय ठहरने लगा- सिसोदिया

 

 

सिसोदिया ने आगे कहा कि विपश्यना सिर्फ ध्यान नहीं, एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा है। दिन में 12 से भी अधिक घंटे केवल अपनी सांसों को देखना, बिना किसी प्रतिक्रिया के बस अपने मन और शरीर को समझना। गौतम बुद्ध की वही सीख चीजों को वैसे ही देखना, जैसी वे वास्तव में हैं, न कि जैसी हम उन्हें देखना चाहते हैं। इस यात्रा में कोई संवाद नहीं। न फोन, न किताबें, न लेखन, न ही किसी से नजरों का सामना। पहले कुछ दिन दिमाग भागता है, बेचैन होता है, लेकिन धीरे-धीरे समय ठहरने लगता है। एक अजीब-सी शांति हर हलचल के बीच जन्म लेने लगती है।

‘उलझनों से निपटने का मंत्र भी सिखा दिया’

 

 

सिसोदिया ने आगे लिखा कि सबसे दिलचस्प बात यह लगी कि शिविर में 75 फीसदी लोग 20-35 वर्ष की उम्र के थे। जब आखिरी दिन बातचीत की, तो पता चला कि सफलता की दौड़ थकान, उलझती जिंदगियां और भीतर की बेचैनी उन्हें इतनी कम उम्र में ही इस राह पर ले आई है। उनकी शिकायत थी कि जिस शिक्षा ने उन्हें सफलता की इस दौड़ के लायक बनाया है उसमें इस थकान और इन उलझनों से निपटने का मंत्र भी सिखा दिया जाता तो हर पढ़े लिखे इंसान की जिंदगी कितनी खुशहाल भी हो सकती है।

दिल्ली के स्कूलों में होता है ऐसा कार्यक्रम

मुझे खुशी है कि दिल्ली का शिक्षा मंत्री रहते हुए स्कूलों मे हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के तहत रोजाना हर बच्चे के लिए #HappinessClass शुरू करा सका। यह शिक्षा के मानवीयकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका जिक्र विपासना ध्यान में दस दिन बिताने के बाद के बाद ये युवा कर रहे थे। मनीष सिसोदिया आज शाम तक दिल्ली लौट आएंगे, वह नई ऊर्जा और नए जोश के साथ लौटने के लिए तैयार हैं।

 

 

सिसोदिया ने लोगों से अपील की है कि अगर कभी भी जीवन में मौका मिले, तो 10 दिन का यह अनुभव जरूर लें। यह केवल चित्त की शांति का मार्ग नहीं, बल्कि स्वयं को जानने का एक दुर्लभ अवसर है।

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