जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं के पीछे किसका हाथ? आर्मी चीफ का बड़ा बयान

15 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे में 77वां आर्मी दिवस मनाया जाएगा। इस सेलिब्रेशन से पहले आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है। बतौर आर्मी चीफ यह उनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इस दौरान उन्होंने सेना और सीमा पर खुलकर बात की। आइए जानते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आर्मी चीफ ने क्या कहा?
आर्मी चीफ का कहना है कि 2047 तक हमारी सरकार ने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जिसे हासिल करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना अनिवार्य है। उत्तर भारत पर कुछ चुनौतियों की बात करें तो परिस्थिति काफी नाजुक है लेकिन सबकुछ नियंत्रण में है। पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक में स्थिति सुधर गई है। मेरा मिशन है भारतीय सेना को फ्यूचर रेडी फोर्स के रूप में तैयार करना।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आर्मी चीफ ने कहा कि IBG(Integrated Battle Group) बनाने का काम फाइनल स्टेज पर है। इस साल IBG बन जाएगी वरना इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाएगा। हम LAC पर अभी सैनिकों की संख्या कम नहीं कर रहे हैं। गर्मियों में रिव्यू के दौरान स्थिति के मुताबिक फैसला लिया जाएगा।
आर्मी चीफ ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं के पीछे वेस्टर्न एडवाइजरी (पाकिस्तान) का हाथ है। पिछले साल हमने 15 हजार अतिरिक्त सैनिकों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया था, जिसके बाद से आतंकी घटनाएं कंट्रोल में हैं। अप्रैल 2020 के बाद LAC पर दोनों तरफ से कंस्ट्रक्शन चल रहा है। कोर कमांडर को पावर दी गई है कि छोटे मामलों को सुलझाने के लिए वो अपने स्तर पर बातचीत कर सकते हैं।
मणिपुर पर बात करते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि उत्तर पूर्व में हालात लगातार सुधर रहे हैं। सुरक्षा बलों की कोशिशों और सरकारी प्रयासों से स्थिति काफी हद तक कंट्रोल में है। कहीं-कहीं पर हिंसा जारी है। हालांकि हम क्षेत्र में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। भारत म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है। बॉर्डर फेंसिंग पर भी काम चल रहा है।