Farmers Protest Live Update: दिल्ली में किसानों का 101 जत्था पहुंचने को तैयार, 8 डीएसपी सहित 14 कंपनियां तैनात

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 पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 297 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच की घोषणा की है। किसानों का कहना है कि भले ही पुलिस और प्रशासन उन्हें रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दे, वे दिल्ली में जाकर धरना देंगे। किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना पैदल मार्च का ऐलान किया है, जिसके चलते हरियाणा और दिल्ली पुलिस पूरी तरह सतर्क है।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 6 दिसंबर को गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के मौके पर 101 किसानों का पहला जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा। इस जत्थे को ‘मरजीवड़ा जत्था’ नाम दिया गया है। ये जत्था निहत्थे और पैदल ही दिल्ली पहुंचेगा। जत्थे में शामिल किसानों से सहमति फॉर्म भरवाया गया है, जिसमें उन्हें संभावित जोखिमों की जानकारी दी गई है।

हरियाणा सरकार ने दिल्ली जाने वाले रास्तों पर सख्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। शंभू बॉर्डर और दिल्ली-जालंधर नेशनल हाईवे पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात हैं। हरियाणा में धारा 144 लागू कर दी गई है और बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। पुलिस ने वॉटर कैनन और अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ पूरी तैयारी कर रखी है ताकि किसानों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोका जा सके।

किसानों का कहना है कि उनकी प्रमुख मांगें एमएसपी गारंटी कानून, किसानों और मजदूरों की कर्जमाफी और अन्य 12 मुद्दों पर केंद्र सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है। सरवन सिंह पंढेर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि किसान पैदल दिल्ली जाएं और अब धारा 144 लगाकर उन्हें रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को दुश्मन की तरह ट्रीट किया जा रहा है।

किसान नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार को वार्ता के लिए 5 दिसंबर रात 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बातचीत करना चाहती है तो लिखित सूचना दे। इसके साथ ही पुलिस और किसानों के बीच टकराव होने की संभावना है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी हाल में दिल्ली पहुंचकर धरना देंगे। पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के साथ टकराव की आशंका को देखते हुए दोनों पक्षों में तनाव का माहौल है।

जींद में किसान संगठनों के प्रस्तावित दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। दातासिंहवाला और खनौरी बॉर्डर पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी गई है। सुरक्षा के लिए 8 डीएसपी सहित पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियां तैनात की गई हैं। जींद पुलिस ने एडवायजरी जारी करते हुए नरवाना के रास्ते पंजाब जाने वाले मुख्य मार्ग को बंद कर दिया है और लोगों को गैरजरूरी यात्रा न करने की सलाह दी है। पैदल, ट्रैक्टर-ट्रालियों या अन्य वाहनों के साथ जुलूस, प्रदर्शन, मार्च, लाठी, डंडा या हथियार लेकर चलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस ने सख्ती के साथ किसानों को आगे बढ़ने से रोकने की तैयारी कर ली है।

किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण होगा और वे कानून-व्यवस्था को हाथ में नहीं लेंगे। वहीं, हरियाणा और दिल्ली प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 6 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि किसान अपनी मांगों के साथ दिल्ली पहुंचने में सफल होते हैं या नहीं।

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