लू या हीट वेव क्या है? कैसे तय होता है लू चल रही है या नहीं

देश के अधिकतर हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. कुछ शहरों में अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री तक दर्ज हो चुका है. कई राज्य हीटवेव HeatWave की चपेट में हैं. लू से पूरब में बंगाल से लेकर पश्चिम में महाराष्ट्र तक हाहाकार मचा है. हीटवेव लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. गर्मी के कहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी की हैं. ऐसे में आइए अब आपको बताते हैं लू के बारे में सबकुछ- जैसे ये कैसे तय होता है कि लू चल रही है या नहीं, देश में कब से कब तक लू चलती है और कौन से राज्यों में सबसे ज्यादा इसका असर दिखता है.
गर्मी के सीजन में गर्म सूखी हवाएं चल रही हैं, जिन्हें लू (Loo) कहा जाता है. अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इन गर्म हवाओं के संपर्क में रहता है, तो उसका चेहरा, सिर और शरीर के अन्य हिस्से इससे प्रभावित हो सकते हैं और इसी स्थिति को लू लगना कहा जाता है. देश में लू चल रही है या नहीं, अलग-अलग देशों में इसके लिए अलग मानक हैं. कुछ देशों में तापमान और नमी की हीट इंडेक्स के आधार लू चलने की घोषणा की जाती है. वहीं, कुछ देशों में अधिक तापमान के आधार पर लू की जानकारी दी जाती है.
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, देश के में लू की घोषणा करने के दो तय मानक हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मैदानी इलाकों में अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस तक रहे तो लू चलने की घोषणा की जाती है. वहीं अगर यही पारा 47 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में उन इलाकों में खतरनाक लू चलने लगती है. इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है. जबकि तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी का तापमान रहता है, तब इलाकों में हीट वेव चलनी शुरू हो जाती है.
लू कब से कब चलती है- heatwave in india timing
मौसम विभाग के मुताबिक, भारत में हीट वेव मार्च से जून के समय चलना शुरू करती है. हालांकि लू मई में अपने चरम पर होती है. देश के कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां जुलाई तक में लू चलने के मामले सामने आते हैं.
इन राज्यों में चलती है सबसे ज्यादा लू- Heat Wave in India state wise
लू सबसे ज्यादा देश के सेंट्रल, ईस्ट और नॉर्थ के हिस्सों को कवर करती है. लू का सबसे ज्यादा असर यूपी, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक का कुछ हिस्सा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में दिखता है. कभी-कभी तमिलनाडु और केरल में लू का असर ज्यादा दिखता है.
मई के महीने में तापमान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में होती है. यहां हर साल तापमान 45 डिग्री के पास पहुंचता है. ग्रीन पीस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 2050 तक कार्बन-डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन का स्तर दोगुना हो जाता है तो मुंबई-दिल्ली के औसत तापमान में सीधे-सीधे 5 डिग्री की बढोतरी हो जाएगी.
हीट वेव बनने के कारण- Heatwave reason
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक लू यानी कि हीट वेव रुकी हुई हवाओं के कारण पैदा होती है. उच्च दबाव वाली हवा को ये नीचे की ओर ले जाती है और फिर वह जमीन के पास हवा को आगे बढ़ने से रोकती है. नीचे बहने वाली हवा एक स्थान पर एकत्रित होकर गर्म हवा की रूप ले लेती है. यह हवा हीट वेव की रूप में चलती है.
हीटवेव का अलर्ट सामान्य से ज्यादा तापमान की वार्निंग- heat wave advisory
इस बीच मौसम विभाग ने आज भी देश के कई हिस्सों के लिए हीटवेव वार्निंग (heatwave warning) जारी की है. पश्चिमी बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. लू के दौरान इन सभी राज्यों में तापमान बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.