पुलिस के अनुसार, बांग्लादेशियों के पास से मिल रहे अधिकांश दस्तावेज बंगाल के विभिन्न जिलों के बने हुए हैं। बंगाल में बैठे दलाल इनको बार्डर पार भारत में लाने के साथ ही इनके ये दस्तावेज बना देते हैं। हालांकि पुलिस दस्तावेजों के सत्यापान के साथ ही इनके मोबाइल फोन भी खंगालती है। 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोबाइल में बांग्लादेश के रह रहे इनके रिश्तेदारों के नंबर होते हैं। ऐसे में पकड़े गए घुसपैठियों के साथ थोड़ी सख्ती से पूछताछ की जाती है तो ये रिश्तेदारों को फोन कर अपने बांग्लादेशी नागरिकता पहचान संबंधी दस्तावेज फोन पर मंगवा लेते हैं।

बांग्लादेशी घुसपैठिये बॉर्डर पार कर बंगाल पहुंचने के बाद वहां से ट्रेनों के सवार होकर दिल्ली व आसपास के राज्यों में पहुंचते हैं। यहां पहुंचते ही रिसीवर उन्हें दिहाड़ी मजदूरी, कूड़ा बीनने, रेहड़ी पटरी लगाने, ढाबों पर काम में लगा देते हैं। दक्षिणी पूर्व जिला पुलिस ने पिछले दिनों पकड़े गैंग में ऐसे कई लोग शामिल थे, जिन्हें रिसीवर ने यहां काम पर लगा दिया था। 

दक्षिणी जिले में 1 जनवरी से 28 मई तक पकड़े गए बांग्लादेशी

एंटी आटो थेफ्ट स्कवाड 44 

थाना सीआर पार्क 09 

थाना लोधी कालोनी 08 

थाना महरौली 04 

थाना मैदानगढ़ी 01 

थाना अंबेडकर नगर 01 

थाना मालवीय नगर 02 

कुल 69