सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड मामले में शूटरों की कैसे हुई गिरफ्तार, पुलिस ने बताई कहानी

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राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी रोहित राठौड़ और नितिन फौजी की चंडीगढ़ से गिरफ्तारी हुई है। राजस्थान और दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में चंडीगढ़ के एक ठेके में बने कमरे के अंदर दोनों शूटर छिपे थे। इससे पहले दोनों बदमाशों को फरार होने में मदद करने वाले रामवीर जाट को भी पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। इस बाबत जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बयान देते हुए कहा कि 5 दिसंबर को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के तुरंत बाद जो 2 आरोपी बच गए थे वो जयपुर शहर से फरार होने में सफल हो गए।

 

उन्होंने कहा, ‘घटनाक्रम के पश्चात आरोपियों को चिन्हित करके ट्रैक करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी। जल्द ही हमारी टीम को उनके बारे में जानकारी मिली और हमने उन्हें आगे ट्रैक करना शुरू कर दिया। 2-3 दिनों तक हमारा काम चलता रहा लेकिन हमेशा हमारी टीम आरोपियों से 6 से 8 घंटे पीछे रही। इस बीच SIT को अहम सूचना मिली।’ पुलिस आयुक्त ने कहा कि हरियाणा पुलिस और पंजाब पुलिस ने भी हमारी मदद की। हिसार पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस की विशेष टीम हमारे साथ जुड़ी। 8 दिसंबर को हमें उनकी वास्तविक समय की जानकारी मिली, जिसके आधार पर कल दो शूटरों और उनके लिए व्यवस्था करवाने वाले व्यक्ति को चंडीगढ़ सेक्टर 22 में एक होटल के बाहर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पूछताछ की जाएगी

 

इस हत्याकांड के शूटर्स नितिन और रोहित के लिए जयपुर में सारी व्यवस्था रामवीर ने करवाई थी। शूटर नितिन फौजी और रामवीर बचपन के दोस्त हैं और रामवीर जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। रामवीर ने नितिन फौजी की जयपुर के एक होटल में और अपने परिचित के फ्लैट पर रुकवाने की व्यवस्था की थी। इसके अलावा रामवीर ने ही नागौर डिपो की राजस्थान रोडवेज बस में बैठाकर नितिन और रोहित को फरार करवाया। वह उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठाकर अजमेर रोड से बगरू टोल प्लाजा से आगे तक लेकर गया था।

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