सामाजिक कार्यकर्ता व सेव इंडियन फैमिली, चण्डीगढ़ ने पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व डीजीपी हरियाणा को दी अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत
कहा, बलात्कार के कई फर्जी मुक़दमे दर्ज करा चुकी है
रागा न्यूज़,
चंड़ीगढ़। सामाजिक कार्यकर्ता, दीपिका नारायण भारद्वाज ने गैर सरकारी संगठन सेव इंडियन फैमिली, चण्डीगढ़ के साथ मिलकर आज पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व डीजीपी हरियाणा को एक महिला वकील द्वारा दायर कई बलात्कार के मामलों के संबंध में शिकायत दी है। यह महिला अधिवक्ता एक सप्ताह से लॉ भवन, सेक्टर 37 में धरना दे रही है। उसने गुड़गांव में एक सरकारी वकील के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें उसने कानूनी कार्यवाही ना होने का आरोप लगाया है।
कार्यकर्ताओं की शिकायत में यह खुलासा हुआ है कि महिला अधिवक्ता ने पिछले 3 वर्षों में लगभग समान आधार पर 3 अलग-अलग पुरुषों के खिलाफ 3 बलात्कार के मामले दर्ज किए हैं। उसने इन शिकायतों में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है, जबकि वह पहले से शादीशुदा है। उसने छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज किया है और उस व्यक्ति पर 498-ए का मामला भी दर्ज किया है जिससे उसने 2015 में शादी की थी। उसके द्वारा दायर बलात्कार के एक मामले में, एक व्यक्ति को जनवरी 2023 में गुड़गांव सत्र न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया है। एक अन्य व्यक्ति सलाखों के पीछे है और इस वकील द्वारा अक्टूबर में दायर बलात्कार मामले में, गुड़गांव पुलिस खात्मा रिपोर्ट दायर कर चुकी है।
शिकायत में इस महिला अधिवक्ता द्वारा दायर सभी आपराधिक मामले शामिल हैं जिसमें 3 बलात्कार के मामले, एक छेड़छाड़ का मामला और एक 498-ए का मामला उस आदमी के खिलाफ जिससे उसने अंततः शादी की थी, शामिल है।
अगर यह पाया जाता है कि वह जबरन वसूली या निर्दोष व्यक्तियों को परेशान करने के उद्देश्य से कानूनों का दुरुपयोग कर रही है तो कार्यकर्ताओं ने उसके द्वारा दायर सभी मामलों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने के लिए एक विशेष जांच दल के गठन की मांग की है।
यह ध्यान रखना उचित है कि भले ही इस अधिवक्ता के खिलाफ 2016 में आईपीसी 323,342,506,507,34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन उसने 2021 में बार के साथ अपने नामांकन के दौरान इसका खुलासा नहीं किया था। यह खुलासा अभ्यावेदन में भी किया गया है। अभ्यावेदन में यह भी बताया गया है कि जब सरकारी वकील के खिलाफ इस वकील की शिकायत के बाद गुड़गांव कोर्ट में एक POSH समिति बुलाई गई, तो समिति ने पाया कि उसने जांच में सहयोग नहीं किया, समिति के सामने पेश हुए बिना ही समिति की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। कार्यकर्ताओ ने यह भी कहा की उनको यह आभास होता है कि उक्त महिला प्रतिवादी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से यह सब कार्य कर रही है न कि वास्तव में न्याय पाने के लिए।
कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज ने यह भी कहा कि एक चिंतित नागरिक के रूप में, वह यह शिकायत यह सुनिश्चित करने के लिए कर रही है कि कानूनों के प्रावधानों का दुरुपयोग न हो।
सेव इंडियन फैमिली चंडीगढ़ से रोहित डोगरा ने कहा कि हमारे बलात्कार के क़ानून का दुरूपयोग उसी तरह बढ़ गया जिस तरह हमारे दहेज क़ानून 498-ए का हो रहा है।
इससे पहले, दीपिका ने गुड़गांव की एक आयुषी भाटिया के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की थी, जिसने गुड़गांव में एक साल में 9 अलग-अलग पुरुषों के खिलाफ 9 बलात्कार के मामले दर्ज किए थे। डीजीपी हरियाणा और हरियाणा राज्य महिला आयोग से उनकी शिकायत के बाद एक एसआईटी का गठन किया गया था। आयुषी को बाद में जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और पंजाब और हरियाणा ने पिछले साल उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।