सरकारी नौकरी पर लौटे बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट, बोले- आंदोलन वापस नहीं लिया

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सोमवार को अपनी रेलवे की नौकरियों पर लौट गए. लेकिन पहलवानों ने आंदोलन को वापस लेने की खबरों को गलत बताया है. पहलवान साक्षी मलिक ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है. साक्षी मलिक ने कहा है कि वह आंदोलन के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारियों को भी पूरा कर रही हैं. उनके पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन वापस लेने की खबरों को गलत बताया है.
दरअसल, पहले खबरें आई थीं कि पहलवानों ने आंदोलन वापस ले लिया है. लेकिन साक्षी मलिक ने इस खबरों का खंडन किया है. ट्वीट में साक्षी मलिक ने लिखा, ये खबर बिल्कुल गलत है. इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है ना हटेगा. सत्याग्रह के साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए.
यौन शोषण के लगाए हैं आरोप
WFI चीफ बृजभूषण सिंह पर पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. 23 अप्रैल से पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. बृजभूषण सिंह के खिलाफ जनवरी में भी पहलवानों ने धरना दिया था. लेकिन खेल मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद पहलवान पीछे हट गए थे.
21 अप्रैल को 7 पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यौन शोषण के दो केस दर्ज किए थे. पहली एफआईआर नाबालिग के आरोपों पर आधारित है. पुलिस POCSO के तहत केस दर्ज किया है. दूसरी एफआईआर में बाकी पहलवानों की ओर से लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर है. दोनों मामलों में पुलिस जांच कर रही है.
शनिवार को पहलवानों ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. पहलवानों ने बैठक में बृजभूषण की गिरफ्तारी की बात कही थी. हालांकि इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल पाया था.