मिट्टी के बर्तन पकाने के लिए सबसे सुरक्षित, नॉन-स्टिक पैन से रहें सावधान – राष्ट्रीय पोषण संस्थान
राष्ट्रीय पोषण संस्थान (National Institute of Nutrition – NIN) ने हाल ही में भारतीयों के लिए अपने “आहार दिशानिर्देशों को अपडेट किया है। इस संशोधन में नए वैज्ञानिक खोजों, बदलती जीवनशैली, प्रचलित बीमारियों और बदलती खाद्य आदतों को ध्यान में रखा गया है।
एक महत्वपूर्ण सुझाव में, NIN ने मिट्टी के बर्तनों को खाना पकाने के लिए सबसे सुरक्षित बर्तन बताया है और नॉन-स्टिक पैन के प्रयोग के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है।
अपने दिशानिर्देशों में, NIN ने बताया है कि मिट्टी के बर्तन न केवल सबसे सुरक्षित बर्तन हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। इनमें कम तेल में खाना बनता है और पोषण तत्व भी सुरक्षित रहते हैं। NIN ने धातु, स्टील, नॉन-स्टिक पैन और ग्रेनाइट के बर्तनों के इस्तेमाल के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
धातु के बर्तन: एल्युमिनियम, लोहा, बिना अस्तर वाले पीतल या तांबे के बर्तनों में इमली की चटनी, सांबर जैसी अम्लीय चीजों को रखना असुरक्षित है।
स्टेनलेस स्टील: आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, धातु का रिसाव नहीं होता है।
नॉन-स्टिक पैन: यदि तापमान 170°C से अधिक हो जाता है तो जोखिम है। अगर कोटिंग घिस या खराब हो जाए तो फेंक दें।
ग्रेनाइट के बर्तन: सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन अगर इनमें टेफ्लॉन कोटिंग है तो मध्यम से उच्च तापमान ही इस्तेमाल करें।