नई शिक्षा नीति लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त करेगा : बंडारू दत्तात्रेय

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चंडीगढ़ : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा समाज की उन्नति के लिए भविष्य को सुरक्षित करने वाला निवेश है जिससे राष्ट्र के हर व्यक्ति के जीवन में उजियाला आता है और वह सदैव कांतिमय बनकर चमकता है।  राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सोमवार को राजभवन में आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक में पहले दिन राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व कुलसचिवों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होगी। नई शिक्षा नीति यह भी सुनिश्चित करती है कि सभी गतिविधियाँ एक ही लक्ष्य ’उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा’ की ओर निर्देशित हों। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि नई शिक्षा नीति लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 का क्षेत्र बहुत विशाल और लचीला है। यह व्यापक होने के साथ-साथ अथाह भी है। नई शिक्षा नीति को लागू कर हम निर्धारित समयावधि में नौजवानों को विश्व स्तरीय गुणवत्ता पूर्वक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा उपलब्ध करवा सकें। उन्होंने आज नई शिक्षा नीति को प्रदेश में किस प्रकार जल्दी से जल्दी पूर्ण रूप से लागू किया जाए, विश्वविद्यालयों में नियमित पदों के विरुद्ध भर्ती मेरिट आधार पर पारदर्शी तरीके से पूरी करने जैसे कुछ गंभीर विषयों पर भी चर्चा की।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर के अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध करें और विद्यार्थियों को दूसरे देशों में भी जाकर अध्ययन करने के लिए प्रेरित करें। दूसरे देशों के बच्चों को भी अपने देश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आकर्षित करना चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक विश्वविद्यालय में मातृभाषा में शिक्षा देने को भी प्रोत्साहित करना भी कारगर कदम होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, एज कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलिटी, साइबर सिक्योरिटी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे नए कोर्स शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए।  राज्यपाल ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने के प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य विश्वविद्यालयों को इनका अनुसरण करने की सलाह दी। राज्यपाल ने 70 प्रतिशत कैंपस प्लेसमेंट करने के लिए विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल की भी सराहना की। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों और कुलसचिवों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय के 50 प्रतिशत बच्चों से इंटरेक्शन करे। क्लासरूम, छात्रावास, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर पर या अन्य कार्यक्रम के माध्यम से भी छात्रों से इंटरेक्ट करे। इससे विश्वविद्यालय का सकारात्मक माहौल बनेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण तथा पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, मेडिकल एजूकेशन और रिसर्च विभाग के महानिदेशक साकेत कुमार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डी. सुरेश, राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी सहित राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिव भी मौजूद रहे।

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