हरीश चौधरी को मिली पंजाब कांग्रेस की बड़ी जिम्मेदारी, पार्टी ने नियुक्त किया विशेष चुनाव पर्यवेक्षक

राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद और पूर्व राज्य मंत्री हरीश चौधरी को लोकसभा चुनाव को लेकर पंजाब कांग्रेस का विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. मारवाड़ विशेषकर बाडमेर और जैसलमेर की राजनीति को चाणक्य कहा जाता है। इससे पहले वह 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी पंजाब के पर्यवेक्षक रह चुके हैं.
बेतू विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक चुने गए हरीश चौधरी गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय सचिव के पद पर हैं और सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं.
Congress appoints Harish Chaudhary as AICC Special Observer to Punjab for the General Elections pic.twitter.com/pdouQiBlQH
— ANI (@ANI) May 6, 2024
वे पंजाब कांग्रेस से परिचित हैं
2017 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक संकट के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें पंजाब और चंडीगढ़ में कांग्रेस संगठन का पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था. पंजाब में सियासी संकट के दौरान हरीश चौधरी कांग्रेस के लिए मसीहा बनकर उभरे और सुनील जाखड़ को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
चन्नी को सीएम बनाने में योगदान
हरीश चौधरी के नेतृत्व में चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया मुख्यमंत्री बनाया गया, जिन्हें पंजाब-चंडीगढ़ में संगठन पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया, जिसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में हरीश चौधरी को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। चला गया था जिसके चलते एक पद की नीति के तहत एक व्यक्ति को राजस्थान सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
लोकसभा चुनाव 2024 में बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार की जिम्मेदारी पूरी तरह से हरीश चौधरी के कंधों पर थी. उन्होंने ही हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन कर आरएलपी को बाड़मेर जैसलमेर की सीट देने का विरोध किया था.