जीरकपुर: शादी समारोह के दौरान बैंक्वेट हॉल में लगी आग, 1100 मेहमानों-250 गाड़ियों को आनन-फानन में निकाला बाहर

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जीरकपुर-पंचकूला रोड पर बने ‘औरागार्डन’ और ‘सेखोंगार्डन’ में रविवार रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक बारात के पटाखों से निकली चिंगारीने शादी समारोह के बीचोंबीच आग भड़का दी। देखते ही देखते लपटें इतनी तेज से फैलीं कि पूरा हॉल, सजावट और मंच कुछ ही मिनटों में जलकर खाक हो गया। साथ लगते ‘सेखोंपैलेस’ में भी आग पहुंच गई, जिससे वहां भी काफी नुकसान हुआ। दोनों गार्डनों में करीब 1100 मेहमान मौजूद थे, जिनमें अफरा-तफरी मच गई।

एक हीगेटसे भागते रहे लोग

आग लगते ही लोग जान बचाने के लिए एक हीगेटसे बाहर भागने लगे। भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। महिलाएं और बच्चे रोते हुए बाहर की ओर दौड़े, जबकि कुछ युवकों नेस्टेजऔर सजावट का सामान हटाकर लोगों के निकलने का रास्ता बनाया।धुएंके कारण कुछ देर के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया। मेहमानों ने बताया किपैलेसके अंदर प्लास्टिक औरथर्माकोलकाडेकोरेशनथा, जो आग लगते हीधू-धूकरजल उठा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 10:20 बजे आग लगी और तुरंत फायर ब्रिगेड कोकॉलकियागया। लेकिन पहली फायर ब्रिगेड की गाड़ी करीब 45 मिनट बाद पहुंची। तब तक औरागार्डन का पिछला हिस्सा पूरी तरह जल चुका था। पुलिस के अनुसारजीरकपुर की फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जाम में फंस गई थीं, जिसके बादपंचकूलाऔरडेराबस्सी से भी मदद मंगाई गई।

फायर ब्रिगेड की तैनाती

जीरकपुर से 2 गाड़ियां

डेराबस्सी से 2 गाड़ियां

पंचकूला से 3 गाड़ियां

मोहाली से 1 गाड़ी

चंडीगढ़ से 2 गाड़ियां

राजपुरा से 1 गाड़ी

आग की लपटें जब किचन एरिया तक पहुंचीं तो वहां रखे दो सिलेंडर धमाके के साथ फट गए। धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। हालांकि, कोई जानीनुकसाननहींहुआ, लेकिन लाखों रुपये का सामान जल गया। पार्किंग में खड़ी लगभग 250 गाड़ियों को लोगों ने तुरंत निकाल लिया, वरना नुकसान और बढ़ सकता था।

आग से बच निकले मेहमानों ने बताया कि ‘औरागार्डन’ और ‘सेखोंगार्डन’ दोनों में फायर अलार्म या आपातकालीन निकासी द्वार (फायर एग्जिट) तक नहीं थे। आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई और लोगों को समझ नहीं आया कि बाहर कैसे निकलें। किसी के पास फायर एक्सटिंग्विशर तक नहीं था। स्टाफ के लोग भी घबराकर इधर-उधर भागते दिखे।स्थानीय लोगों और मेहमानों ने मांग की है कि प्रशासन ऐसे सभी पैलेसों की फायर सेफ्टी जांच करे और जिनके पास फायर एनओसी नहीं है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

कई लोगों ने मुश्किल हालात में बहादुरी दिखाई। कुछ युवकों ने स्टेज की सजावट हटाकर लोगों के लिए रास्ता बनाया, जबकि अन्य ने बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला। कई मेहमानों ने अपनी कारों से लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने में मदद की।

आग लगने के बाद जब मेहमानों ने एकसाथ बाहर निकलने की कोशिश की तो सर्विस लेन पर करीब पौने घंटे तक लंबा जाम लग गया। 250 से ज्यादा गाड़ियों के एकसाथ निकलने से ट्रैफिक रुक गया। आग की लपटें हाईवे से साफ दिख रही थीं, जिससे राहगीर भी रुककर देखने लगे और भीड़ बढ़ गई। पुलिस ने ट्रैफिक को दूसरी दिशा में डायवर्ट किया ताकि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके तक पहुंच सकें।

एएसपी गजलप्रीत कौर ने बताया कि इतने बड़े फंक्शन करने पर पैलेस मालिकों को आग से निपटने के खुद इंतजाम करने चाहिए थे। उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए उन पर बनती धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा।पुलिस ने दोनों पैलेस मालिकों, डेकोरेशन टीम और बारातियों से पूछताछ शुरू कर दी है कि पटाखे कहां से और किसने चलाए थे।

इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शहर के विवाह पैलेसों में वाकई सुरक्षा के इंतजाम हैं या नहीं। लापरवाही से भरी यह घटना भले ही किसी की जान नहीं ले सकी, लेकिन प्रशासन और पैलेस मालिकों दोनों के लिए यह बड़ी चेतावनी बनकर आई है।

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