सरकारी नौकरी के नाम पर ऐसी ठगी सुन हिल जाएगा दिमाग, फर्जी वेबसाइट बनाकर 55 लोगों से की करोड़ों की ठगी

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फर्जी वेबसाइट बनाकर सरकारी नौकरी के नाम 55 युवाओं से करीब तीन करोड़ रुपये ठग लिए गए। फर्जी वेबसाइट पर निकाली सरकारी भर्ती के लिए आवेदन फार्म लेने के अलावा एग्जाम भी लिया गया, इंटरव्यू भी हुआ।
इसके बाद परिणाम घोषित किया। खुद को सरकारी संस्था बता विभिन्न सरकारी योजनाओं के नाम पर गांवों में ग्रामीणों से भी धोखाधड़ी की गई। साइबर थाना पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर इस पूरे खेल का राजफाश किया।
फर्जी संस्था ने भिवानी के अलावा जींद और यमुनानगर में अपने कार्यालय भी खोल रखे थे। पुलिस ने एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
साइबर थाना प्रभारी एसआई विकास ने पूरे खेल का खुलासा करते हुए बताया कि जाटू लोहारी निवासी नीरज ने फरवरी माह में शिकायत दी थी कि शगुन हरियाणा हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर काउंसिल में नौकरी लगने के नाम पर उसके सात लाख रुपये ठग लिए गए। आरोपितों ने उसे झूठा ज्वाइनिंग लेटर, आईकार्ड दिया।
24 फरवरी को पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया। इस मामले में एएसआई कर्मबीर सिंह ने तीन मार्च को दो आरोपितों बड़ेसरा वासी बलजीत और रितु को पानीपत से गिरफ्तार किया।
जिन्हें पांच दिन के रिमांड पर लिया तो सारे खेल का राजफाश हुआ। पुलिस ने चार मार्च को हिसार के गांव सिरसाना वासी संजय और सात मार्च को जींद वासी बलकार सिंह व चंडीगढ़ वासी गुलशन को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने इनके पास से 11 सीपीयू, 10 एलसीडी, तीन प्रिंटर, दो बायोमीट्रिक डिवाइस, 13 मोबाइल फोन, आठ पेमेंट स्लिप बुक, 22 चेक बुक, 11 पासबुक, 11 एटीएम, एक गाड़ी, दो चांदी के सिक्के, दो चांदी की अंगूठी व 1.57 लाख रुपये की नकदी बरामद की। 

इसके अलावा 1.21 लाख रुपये बैंक खाते में फ्रिज करवाए। पुलिस टीम ने आरोपित बलजीत, संजय व रितु को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपित बलकार व गुलशन को पुलिस रिमांड पर लिया है।
दलालों के माध्यम से रुपये देकर आए करीब 25 युवाओं का चयन इंटरव्यू के लिए किया गया। चंडीगढ़ में इंटरव्यू लिए। औसतन हरेक से पद अनुसार दो से सात लाख रुपये तक लिए गए। चयनित युवाओं के अलावा भी रुपये देने वाले करीब 20-25 का चयन किया गया। इस तरह करीब तीन करोड़ रुपये ठगे। 

चयनित युवाओं को सरकारी योजनाओं की ट्रेनिंग देकर अलग-अलग गांवों में भेजा गया। ग्रामीणों का दो से तीन हजार रुपये लेकर इन युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया। ग्रामीणों को रजिस्ट्रेशन के बदले एक स्लिप दी गई। 

आरोपितों ने धोखाधड़ी के लिए भर्ती किए गए युवकों को ज्वाइनिंग लेटर, आइकार्ड व पेमेंट स्लिप बुक जारी की। चयनित युवकों को वेतन भी दिया और सैलरी स्लिप भी दी गई।
आरोपितों ने धोखाधड़ी के लिए शगुन ग्रामीण हेल्थ व फैमिली वेलफेयर काउंसिल के नाम से अपनी एक संस्था बनाई। जिसकी shagun gramin health.com के नाम से वेबसाइट बनाई। मुख्य आरोपित बलजीत ने पूछताछ में बताया कि इस फेक वेबसाइट के माध्यम से बेरोजगारों को निशाना बनाया। 

सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर एरिया इंस्पेक्टर समेत विभिन्न पदों पर भर्ती निकाल आवेदन मांगे गए। 2024 से यह खेल शुरू किया। एसएचओ विकास ने बताया कि इस गिरोह ने नवंबर 2024 में भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए। वेबसाइट पर 960 एप्लीकेशन मिले। जिनकी हिसार के एक निजी कॉलेज में परीक्षा ली गई। 520 ने यह परीक्षा दी।

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