सोनीपत में यमुना ने तोड़ा सालों पुराना रिकॉर्ड, जिला प्रशासन ने कई गांवों को कराया खाली, हजारों एकड़ फसलें तबाह

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पहाड़ों पर हो रही जबरदस्त बरसात के कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ की आफत बनी हुई है. दूर-दूर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है. हरियाणा में कई जगह घर जलमग्न हो गए हैं, फसलें तबाह हो गई है. कई दिनों से स्कूल बंद है. अस्पतालों के भीतर पानी घुस गया है. हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं और बरसात थमने का नाम नहीं ले रही है. मौसम विभाग ने 5 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी दी है. उधर, हिमाचल में भी आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. जिसका सीधा असर मैदानी इलाकों में भी होगा.

सोनीपत के कई गांव खाली: हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि हथिनीकुंड बैराज के फ्लड गेट लगातार चौथे दिन (1 सितंबर सुबह 4 बजे से) खुले हुए हैं. इसमें अभी भी 1 लाख क्यूसेक के डेंजर लेवल से ज्यादा पानी आ रहा है. जिससे दिल्ली के लिए भी खतरे की घंटी बज गई है. यमुना में जबरदस्त बाढ़ के हालात बने हुए हैं. सोनीपत के कई गांवों को खाली करा दिया गया है. कई लाख हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो चुकी है.

जरबदस्त बाढ़ से नुकसान: सोनीपत से गुजरने वाली यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. जहां तक नजर जाए, वहां तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. हजारों एकड़ फसलें तबाह हो गई है. लोगों के घरों को काफी नुकसान पहुंचा है. सारा सामान जलमग्न हो गया है. इस बार भी यमुना ने जमकर तबाही मचाई है. किसानों को भारी नुकसान हुआ है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यमुना में कई सालों से ऐसा ही पानी आ रहा है. लगातार जलस्तर बढ़ता जा रहा है. नदी नाले उफान पर हैं.

‘यमुना ने करीब 47 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा’: सोनीपत में यमुना से सटे हुए गांव जगदीशपुर भी जलमग्न हो गया है. बांध के पास पानी पहुंचते ही लोग अलर्ट हो गए. ग्रामीणों द्वारा कट्टों में मिट्टी भरकर बांध को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि ‘सोनीपत में यमुना ने करीब 47 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. हजारों एकड़ फसलें पानी में डूब गई है’. ग्रामीणों ने कहा कि ‘सरकार पूरी तरह से तो मदद नहीं कर सकती, लेकिन हमारे बीज और खाद का ही मुआवजा भी दे तो बहुत मदद हो जाएगी’. ग्रामीणों ने कहा कि ‘इस भारी तबाही के चलते किसान भारी नुकसान की चपेट में आ गया है’.

डीसी ने किया मौके का निरीक्षण: वहीं, जिला उपायुक्त सुशील सारवान ने अधिकारियों के साथ यमुना के साथ लगते संवेदनशील गांवों का दौरा कर प्रशासनिक तैयारियों का निरीक्षण किया. उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आपदा प्रबंधन से जुड़े आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. डीसी ने कहा कि “बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी संसाधनों को सक्रिय कर दिया गया है”. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि “वे प्रशासन द्वारा बनाए गए सेफ होम्स में समय रहते शिफ्ट हो जाएं. इन सेफ होम्स में प्रशासन की ओर से रहने की जगह, खाने-पीने की सामग्री, दवाइयाँ और प्राथमिक उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं.”

डीसी ने लोगों से की अपील: इस दौरान उपायुक्त ने गौरीपुर बोर्डर का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि “किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और केवल प्रशासन द्वारा जारी की जा रही आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें. यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. सोनीपत जिले में अभी स्थिति सामान्य है.” उन्होंने कहा कि “जिला प्रशासन लगातार लोगों के संपर्क में है और पूरी सतर्कता के साथ कार्य कर रहा है, ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो”.

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