दौरान महिला की मौत: पांच साल बाद मामले में तीन डॉक्टरों पर केस दर्ज, ऑपरेशन के बाद देखभाल में लापरवाही का आरोप

चंडीगढ़: पांच साल बाद 49 वर्षीय महिला की मौत के मामले में पुलिस ने सेक्टर-38/ए स्थित संतोख अस्पताल के मालिक सहित तीन डॉक्टरों के खिलाफ मेडिकल नेग्लिजेंस का मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई सेक्टर-39 थाने में अदालत के आदेश के बाद की गई है। पांच साल बाद 49 वर्षीय महिला की मौत के मामले में पुलिस ने सेक्टर-38/ए स्थित संतोख अस्पताल के तीन डॉक्टरों के खिलाफ चिकित्सीय लापरवाही का मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई सेक्टर-39 थाने में अदालत के आदेश के बाद की गई है। जानकारी के अनुसार, सेक्टर-47 निवासी मदन पाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी 49 वर्षीय पत्नी ममता को पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई थी। वह उन्हें सेक्टर-38/ए स्थित संतोख अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां जांच और कुछ परीक्षणों के बाद डॉक्टरों ने बताया कि ममता के गॉल ब्लैडर में पथरी है। मदन पाल का कहना है कि उन्होंने दवाओं से इलाज का आग्रह किया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन ही एकमात्र समाधान है।
शिकायत के अनुसार, एक दिसंबर 2020 को अस्पताल में ईआरसीपी नामक प्रक्रिया की गई। ईआरसीपी यानी एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलांजियोपैंक्रिएटोग्राफी एक विशेष चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग बाइल डक्ट, पेनक्रियाज की नली और गॉल ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों के डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है। इसमें एंडोस्कोपी और एक्स-रे की मदद से नलियों के अंदर की रुकावट या अन्य समस्या का पता लगाया जाता है और आवश्यक होने पर वहीं ट्रीटमेंट भी किया जाता है। मदन पाल का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उचित देखभाल नहीं की, जिससे उनकी पत्नी की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। हालत गंभीर होने पर उन्हें पीजीआई रेफर किया गया, जहां 7 दिसंबर 2020 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनका कहना है कि अगर समय पर और सही इलाज मिलता तो उनकी पत्नी की जान बच सकती थी।
अदालत के आदेश पर तीन डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही से मौत का केस
मृतका के पति ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए। इसके बाद पुलिस ने संतोख अस्पताल के संचालक डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. गुरनाद सिंह और डॉ. रविंदर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत) और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।