हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीर बांधकर अवैध प्रवासी भारतीयों को वतन क्यों भेजा? जानिए क्या कहता है अमेरिका का कानून

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अमेरिका से भारत भेजे गए 104 प्रवासियों को मामले को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। गुरुवार (6 फरवरी) को संसद के दोनों सदनों में इस मामले पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। विपक्षी सांसद ने सरकार से पूछा कि आखिर अवैध प्रवासियों के साथ कैदियों जैसा व्यवहार क्यों किया गया। उनके हाथों में हथकड़ियां क्यों लगाई गई। 

बता दें कि एक अमेरिकी अधिकारी ने वीडियो शेयर किया, जिसमें देखा जा सकता है कि अवैध प्रवासियों के हाथ-पैरों को चेन से बांधा गया है।
सबसे बड़ा सवाल है कि क्या अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन (निर्वासन) को लेकर अमेरिका का कानून क्या कहता है? 

इस सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी निर्वासन का प्रबंधन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) अधिकारियों द्वारा किया जाता है और इससे जुड़े प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि साल 2012 से ही ICE द्वारा अवैध प्रवासियों को डोपोर्ट करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। हालांकि, हमें सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा जानकारी दी गई है कि महिलाओं और बच्चों के हाथों में हथकड़ियां नहीं लगाई गई थी।
NBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी आव्रजन अधिकारी व्यक्तियों को हिरासत में लेने और निर्वासित करने के दौरान एक संरचित प्रक्रिया का पालन करते हैं । ICE के नियमों के मुताबिक, विमान में अवैध प्रवासियों के हाथों और पैरों को चेन से बांधने के नियम हैं। हालांकि, जब विमान अपने गंतव्य पर पहुंच जाए तो हथकड़ियां और बेड़ियां को तुरंत खोलना जरूरी है।
बता दें कि डिपोर्शन के दौरान अवैध प्रवासियों को कोई सामान ले जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, 18 किलोग्राम तक एक बैग ले जाने की अनुमति है, लेकिन अधिकारी उस बैग की जांच करते हैं। अवैध प्रवासियों को विमान में बैठने के बाद हथकड़ी, पैर की बेड़ियां बांधी जाती है। 

डिपोर्शन के दौरान विमान में 13 से 20 सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहता है। अवैध प्रवासियों को भोजन भी उपलब्ध भी कराया जाता है। नियम के मुताबिक, टॉयलेट ब्रेक के दौरान लोगों को बांधा नहीं जा सकता है।

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