चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP को क्यों मिली करारी हार? बीजेपी ने कैसे बदल दिया ‘खेल’

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है। आम आदमी पार्टी को झटका देते हुए कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों ने बड़ी जीत दर्ज की है। चंडीगढ़ के मेयर पद पर अब बीजेपी का कब्जा हो गया है जबकि डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस को जीत मिली है। बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर बनी हैं। बताया जा रहा है कि क्रॉस वोटिंग की वजह से बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली है।

 

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा को 19 वोट मिले। जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन को 17 वोट मिले। चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला ने आप की प्रेम लता को हराया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा और आप-कांग्रेस गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर थी।

कांग्रेस के जसबीर सिंह बंटी को सीनियर डिप्टी मेयर पद पर जीत मिली है। उनके पक्ष में 19 वोट पड़े, जबकि बीजेपी की विमला दुबे को 17 वोट पड़े। हालांकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन से एक क्रॉस वोट बीजेपी के पक्ष में हुआ। लेकिन बीजेपी का इसका फायदा नहीं मिला।

बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्य हैं, जिनमें निर्वाचित पार्षद और चंडीगढ़ के सांसद शामिल हैं, जिन्हें पदेन सदस्य के रूप में वोटिंग का अधिकार है। सदन में आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद, कांग्रेस के 6, भाजपा के 16 और चंडीगढ़ के सांसद (कांग्रेस) को 1 वोट। इस हिसाब से कांग्रेस के पास सात वोट और आप के पास 13 वोट मिलाकर 20 वोट थे। यानी बीजेपी से ज्यादा। कांग्रेस और आप दोनों मिलकर ये चुनाव लड़ रहे थे। इसके बावजूद मेयर बीजेपी का बना। इसका मतलब यह है कि कांग्रेस और आप को पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की।

चुनाव से कुछ दिन पहले, कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत भाजपा में शामिल हो गए, जिससे पार्षदों की संख्या 16 हो गई। चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से कराया गया। मनोनीत पार्षद रमणीक सिंह बेदी को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को चुनावों की निगरानी के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया।

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