‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति लागू; किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये, मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये मुआवजा, जानें कैबिनेट के फैसले

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ पीड़ितों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। इस बैठक में “जिसका खेत, उसकी रेत” नीति को मंज़ूरी दी गई है। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हो रही है, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान फोर्टिस अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जुड़े हैं। दो घंटे चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक के फ़ैसलों की घोषणा की।
कैबिनेट बैठक में नई नीति के तहत “मेरा खेत, मेरी रेत” नीति लागू की गई है, जिसके तहत किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने की अनुमति होगी और मालिकाना हक भी उनके पास ही रहेगा।
मुख्य रूप से, सरकार ने किसानों के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा देने की घोषणा की है। जिसके बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी भी राज्य द्वारा दिया गया सबसे ज़्यादा मुआवज़ा है। इसके अलावा, बाढ़ से मरने वालों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, किसानों को समितियों या सहकारी बैंकों से लिए गए ऋण के भुगतान में छह महीने की छूट भी दी गई है।
बता दें कि पंजाब 1988 से भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। राज्य के 23 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। लोगों के खेत और घर पानी में डूबे हुए हैं।
कैबिनेट बैठक के फैसले जानिए
ज़मीन से रेत/मिट्टी निकालने की अनुमति – बाढ़ के कारण खेत नदियों और कीचड़ से भर गए हैं, जिससे कई नदियों की चौड़ाई कम हो गई है। सरकार “जिसकी ज़मीन, उसकी रेत” की नीति लेकर आ रही है। किसान अपनी ज़मीन से रेत/मिट्टी निकाल सकेंगे और चाहें तो उसे बेच भी सकेंगे। उन्होंने कहा कि व्यास नदी पहले बहुत चौड़ी हुआ करती थी, लेकिन अब संकरी हो गई है।
फसल क्षतिपूर्ति – फसल नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवज़ा दिया जाएगा। यह अब तक किसी भी राज्य सरकार द्वारा दिया गया सबसे अधिक मुआवज़ा है। मुआवज़े के चेक सीधे किसानों को दिए जाएँगे।
मृतकों के परिवारों को सहायता – बाढ़ में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी।
जिन परिवारों के घर ढह गए हैं या बह गए हैं, उनका सर्वेक्षण किया जाएगा – जिन परिवारों के घर नष्ट हो गए हैं या बह गए हैं, उनका सर्वेक्षण किया जाएगा और क्षति का आकलन होते ही सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
ऋण की किस्तों में राहत – बाढ़ प्रभावित लोगों को ऋण की किस्तें चुकाने में 6 महीने की छूट दी गई है। इस अवधि के दौरान उन्हें किस्तें नहीं चुकानी होंगी।
पशुधन और मत्स्य पालन के लिए सहायता – पंजाब में बड़ी संख्या में पशुओं और मछलियों को काफी नुकसान हुआ है, सरकार इसकी भरपाई करेगी और पशुओं के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान – बाढ़ के बाद होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए लगभग 1700 गाँवों और 300 शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग मशीनें लगाई जाएँगी। हर गाँव में क्लीनिक स्थापित करने के लिए डॉक्टरों की टीम भेजी जाएगी, ताकि आस-पास के लोगों को दवाइयाँ और इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
स्कूलों, कॉलेजों और बिजली के बुनियादी ढांचे की मरम्मत – बाढ़ के कारण शैक्षणिक संस्थानों और बिजली के बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की युद्ध स्तर पर मरम्मत की जाएगी।