‘आतंकवाद’ पर NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री में क्या हुई बात? भारत-PAK झड़प के बाद पहली बड़ी कूटनीतिक बैठक

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने सोमवार को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया। डोभाल ने आतंकवाद का मुकाबला करने पर ऐसे वक्त जोर दिया है जब लगभग डेढ़ महीने पहले भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में कई आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। भारत लगातार आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है।
डोभाल शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा पर हैं। NSA डोभाल और वांग ने भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद संबंधों में आए तनाव को दूर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। NSA डोभाल ने यह भी कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना और आतंकवाद से कठोरता से निपटना जरूरी है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रम की समीक्षा की। साथ ही आपसी रिश्तों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसमें लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि दोनों देशों के संबंध मजबूत हो सकें। बयान में कहा गया, ‘‘एनएसए ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।’’
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक का मकसद LAC विवाद को पूरी तरह सुलझाने और आपसी संबंध फिर से बहाल करना है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध को एक बार फिर मजबूत करना है।
डोभाल की इस टिप्पणी को चीन को एक अप्रत्यक्ष संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है कि वह अपने सदाबहार मित्र पाकिस्तान पर अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव डाले। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई तक सैन्य झड़प हुई थी, जिसकी शुरुआत 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई थी। चीन ने उस आतंकी हमले की निंदा तो की थी, लेकिन साथ ही यह भी सामने आया था कि उसने पाकिस्तान को जंग के दौरान हथियार दिए हैं।
भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग के अनुसार, वांग ने कहा कि चीन-भारत संबंधों में कुछ सकारात्मक प्रगति हुई है और यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष संवाद को और बढ़ाएं, आपसी विश्वास का निर्माण करें तथा व्यावहारिक मुद्दों को सुलझाने की दिशा में काम करें। शू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केवल तभी दोनों देशों के लिए फायदेमंद स्थिति हो सकती है जब भारत और चीन मिलकर करेंगे। चीन और भारत को संवेदनशील मुद्दों को उचित तरीके से संभालना चाहिए और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखना चाहिए।’’
राजदूत ने कहा, ‘‘डोभाल ने कहा कि भारत बहुपक्षीय क्षेत्रों में चीन के साथ सहयोग मजबूत करने का इच्छुक है और एक सफल शिखर सम्मेलन की मेजबानी में शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता के रूप में चीन की भूमिका का पूर्ण समर्थन करता है।’’ बता दें कि चीन एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में समूह के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।