‘ड्यूटी के दौरान घायल होने पर मिलेगी युद्ध चोट पेंशन…’, सैनिकों के हित में हाई कोर्ट का आया बड़ा फैसला।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई सैनिक जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान केरोसिन तेल इकट्ठा करने के लिए सरकारी वाहन में जाते समय घायल होता है, तो वह ‘युद्ध चोट’ की श्रेणी में आएगा और उसे विकलांगता पेंशन पाने का अधिकार होगा।
हाई कोर्ट ने कहा, एक बार जब किसी वर्किग पार्टी को केरोसिन तेल लाने के लिए सरकारी वाहन से भेजा जाता है, तो यह ‘ऑपरेशन रक्षा’ का हिस्सा माना जाएगा और यदि इस दौरान किसी व्यक्ति को स्थायी चोट या मृत्यु होती है, तो उसे युद्ध चोट पेंशन अथवा युद्ध मृत्यु पेंशन का हकदार माना जाएगा।
केंद्र सरकार ने दायर की थी याचिका
गौरतलब है कि ऑपरेशन रक्षा सेना का जम्मू-कश्मीर में चल रहा आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियान है। यह आदेश जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता की खंडपीठ ने उस याचिका को खारिज करते हुए दिया, जिसे केंद्र सरकार ने दायर किया था।
केंद्र ने 17 मई 2023 के आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ बेंच के आदेश को चुनौती दी थी। उस आदेश में पूर्व सिपाही बी रामकृष्ण को युद्ध चोट पेंशन का लाभ 2012 से देने के निर्देश दिए गए थे।